Omicron Variant Vaccine: ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर है बूस्टर डोज, जानें कौन सी वैक्सीन कम सुरक्षित
Coronavirus Omicron Variant Vaccine: कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से होने वाले संक्रमण पर 70 से 75 प्रतिशत कारगर है।
Coronavirus Omicron Variant Vaccine: कोरोना वायरस का नया वेरिएंट (Coronavirus Ka Naya Variant) ओमिक्रॉन की एंट्री होने के बाद दुनियाभर में इस स्वरूप को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन करने में जुटे हुए हैं। यह वेरिएंट कितना खतरनाक हो सकता है या फिर इस नए स्वरूप पर मौजूदा कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पूरी तरह कारगर है या नहीं, इसे लेकर अभी भी शोध जारी हैं। इस बीच ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज (Coronavirus vaccine Third Dose) कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) से होने वाले संक्रमण पर 70 से 75 प्रतिशत कारगर है।
एजेंसी ने नवीनतम तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका (भारत में कोविशील्ड) और फाइजर/बायोटेक वैक्सीन की दो डोज कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले वाले संक्रमण में 'बहुत कम सुरक्षा' देती हैं। हालांकि यह भी देखा गया है कि वैक्सीन की तीसरी खुराक वायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ इम्युनिटी को मजबूत करती है। बताया गया है कि यह नई स्टडी ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant Cases) के 581 मामलों के विश्लेषण पर आधारित है।
नए वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर डोज अधिक प्रभावी
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने कहा है कि अगर मौजूदा रूझान में बदलाव नहीं होता है तो ब्रिटेन में इस महीने के आखिरी तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 लाख का आंकड़ा पार कर सकती है। अगर वैक्सीन की प्रभावशीलता की बात की जाए तो एजेंसी का कहना है कि कोविड-19 के नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज शुरुआती दौर में अधिक प्रभावी है। यह 70 से 75 फीसदी तक लक्षण वाले संक्रमण में सुरक्षा देती है।
फाइजर वैक्सीन कम कर सकती है मृत्यु दर
वहीं, इजरायल में हुए एक अन्य अध्ययन में यह सामने आया है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन (Pfizer Corona Vaccine) की तीसरी डोज मौजूदा समय में सबसे अधिक प्रसारित कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप (Delta Variant) से होने वाली मृत्यु दर को 90 प्रतिशत तक कम कर सकती है। इस स्टडी में 8,43,208 लोगों को दो समूहों में शामिल किया गया था। एक समूह वो था जिसने बूस्टर डोज ले रखी थी, जबकि दूसरी समूह में बूस्टर खुराक ना लेने वाले लोगों को शामिल किया गया था। जब दोनों समूहों की तुलना की गई तो सामने आया कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन डेल्टा से होने वाली मृत्यु दर को 90 फीसदी तक कम कर सकती है।
भारत में कब दी जाएगी बूस्टर डोज?
भारत में कोरोना की बूस्टर डोज देने को लेकर सरकार ने संसद में बताया है कि दुनिया में 60 से अधिक देशों में बूस्टर डोज दी जा रही है। भारत में अभी तक इसके लिए जरूरी वैज्ञानिक डेटा जुटाने का काम चल रहा है। बूस्टर डोज के रूप में समान वैक्सीन के साथ-साथ अलग-अलग वैक्सीन के प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है। इनमें कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सिन (Covaxin) के साथ-साथ बायोलाजिकल ई की कोरबेवैक्स और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की नोजल वैक्सीन (Nasal Vaccine For Covid) भी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय तकनीकी परामार्शदाता समूह एवं टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वैज्ञानिक साक्ष्यों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
इस बीच केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने भी हाल ही में केंद्र सरकार (Modi Government) से ओमिक्रॉन पर बढ़ती चिंताओं के बीच बूस्टर खुराक की अनुमति देने पर निर्णय लेने का आग्रह किया है।
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