अब यात्रा के लिए जरूरी होगा Vaccine Passport, जल्द जारी होगी गाइडलाइन

Vaccine Passport: दुनियाभर में वैक्सीनेशन में तेजी आने के साथ ही वैक्सीन पासपोर्ट की चर्चा तेज हो गई है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-05-25 08:23 IST

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus Vaccine Passport: दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Pandemic) ने एक बार फिर से अपने पैर तेजी से पसारने शुरू कर दिए हैं। रोजाना रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच दुनियाभर के तमाम देशों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच तेजी से टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination Program) चलाया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोग को वैक्सीनेट करके कोविड-19 (Covid-19) के खतरे को कम किया जा सके।

दुनियाभर में तेजी से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान के साथ ही अब वैक्सीन पासपोर्ट (Vaccine Passport) को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। जी हां, वैक्सीन पासपोर्ट, यानी अब आपको विदेशों में यात्रा करने के लिए वैक्सीनेट होना अनिवार्य होगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इसे वीजा की शर्तों में जोड़ा जा सकता है। वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी सक्रिय हो गया है। संभावना है कि आने वाले देशों में सभी देशों के साथ चर्चा किए जाने के बाद डब्ल्यूएचओ इसे लेकर एक विस्तृत गाइडलाइंस जारी कर सकता है।

सभी टीकों को नहीं किया जा रहा शामिल

इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ऐसी खबरें है कि कुछ देशों की ओर से जो गाइडलाइन तैयार की जा रही है, उनमें मौजूदा सभी टीकों के नाम शामिल नहीं किए जा रहे हैं। जिसके बाद भारत समेत कई देशों ने इस मुद्दे को विश्व स्वास्थ्य संगठन के समक्ष रखा है।

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने हाल ही में बताया कि वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ चर्चा जारी है और अभी इस बारे में आखिरी फैसला नहीं किया गया है। भारत इस सिलसिले में अपने मुद्दों को WHO के सामने रखेगा। दरअसल, ऐसी खबरें थीं कि कुछ देश कोवैक्सीन को वैक्सीन पासपोर्ट का हिस्सा नहीं मान रहे हैं।

वैक्सीनेशन करवाती युवती (फोटो- न्यूजट्रैक)

भारत में वैक्सीन की किल्लत 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में दुनियाभर में वैक्सीनेशन का काम जारी है। सभी देश टीकाकरण रफ्तार को बढ़ाने में लगे हैं। हालांकि इस बीच भारत में वैक्सीन की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं, जिसके चलते वैक्सीनेशन प्रोग्राम की स्पीड को बढ़ाना काफी ज्यादा कठिन हो चुका है।

भारत के कई राज्यों से वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसके चलते कई वैक्सीनेशन सेंटर्स (Vaccination Centre) पर तो वैक्सीन का काम ही बंद करना पड़ा है। बता दें कि देश में फिलहाल तीसरे चरण का वैक्सीनेशन जारी है, जिसमें में 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को टीका दिया जा रहा है। लेकिन वैक्सीन की किल्लत के चलते कई राज्यों में तीसरा चरण फिलहाल रोक दिया गया है।

टीकाकरण में आई 50 फीसदी की गिरावट

देश में भले ही अभी कोरोना के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन कुछ महीनों में तीसरे लहर की दस्तक की चेतावनी दी गई है। ऐसे में कई वैज्ञानिक कह चुके हैं कि इससे पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका देना होगा, ताकि तीसरी लहर के खतरे को कम किया जा सके। जानकारी के मुताबिक, बीते 40 दिनों के अंदर देश में टीकाकरण में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई है।

वैक्सीन (फोटो- न्यूजट्रैक)

इस वक्त जब देश कोरोना के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है तो विशेषज्ञ वैक्सीनेशन में गिरावट आने को बेहद गंभीर और चिंताजनक बता रहे हैं। बीते महीने यानी अप्रैल में तेजी से टीकाकरण का काम जारी थी, लेकिन मई आते ही रोजाना टीकाकरण लगने वाली खुराकों की संख्या घटती चली गई। या यूं कहे कि आधी रह गई है। गौरतलब है कि एक मई से 18 साल से पार वालों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया था।

इसलिए नहीं मिल रहे वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट

बीते महीने अप्रैल में भारत में औसतन प्रतिदिन 30,24,362 खुराकें लगायी जा रही थीं। जबकि मई में यह संख्या घटकर रोजाना औसतन 16,22,087 डोज ही रह गई है। यानी मई में खुराकों की संख्या आधी रह गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक मई से 20 मई तक केवल ऐसे पांच दिन ही रहे, जब रोजाना वैक्सीनेशन के तहत 20 से 22 लाख खुराकें दी गईं। जबक अन्य दिनों में 20 लाख से कम ही वैक्सीन के डोज दिए गए हैं। यही कारण रहा कि कोविन पोर्टल पर लोगों को टीकाकरण के लिए स्लॉट ढूंढे नहीं मिल रहा है।

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