दुनिया को इस दिन मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, ये देश कराने जा रहा रजिस्ट्रेशन

कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच लोगों को इस महामारी के वैक्सीन का इंतजार है। वैक्सीन के मामले में रूस बाजी मारता दिखाई दे रहा है। रूस आज से दो दिनों बाद यानी 12 अगस्त को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराएगा।

Update: 2020-08-10 07:06 GMT
दुनिया को इस दिन मिलेगी पहली कोरोना की वैक्सीन, ये देश कराएगा रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच लोगों को इस महामारी के वैक्सीन का इंतजार है। वैक्सीन के मामले में रूस बाजी मारता दिखाई दे रहा है। रूस आज से दो दिनों बाद यानी 12 अगस्त को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराएगा। रूसी अधिकारियों और विशेषज्ञों का दावा है कि यह दुनिया की पहली वैक्सीन होगी।

रूस की इस पहली कोरोना वैक्सीन को गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। यह इंस्टीट्यूट रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने बताया है कि अगर अंतिम चरण का ह्यूमन ट्रायल सफल हो गया तो अक्टूबर तक देश के लोगों को वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने बताया है कि एडेनो वायरस के आधार पर इस टीके को बनाया गया है। उन्होंने बताया कि टीका संभावित रूप से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसी कोई चिंता नहीं है।

कोरोना वायरस वैक्सीन( प्रतीकात्मक तस्वीर)

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उनका कहना है कि ट्रायल के दौरान ये बात सामने आई है कि वैक्सीन देने के बाद ऐसे लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है। इससे यह बात साबित होती है कि वैक्सीन सही दिशा में काम कर रही है।

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अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग के मुताबिक, कुछ लोगों को टीका लगाए जाने के बाद स्वाभाविक रूप से बुखार होता है। टीके के कारण उस व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली को एक शक्ति मिलती है और इसके दुष्प्रभाव से बुखार आता है। उन्होंने बताया कि बुखार पैरासिटामोल लेने से आसानी से दूर हो सकता है।

कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रायल( प्रतीकात्मक तस्वीर)

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रिपोर्टों में बताया गया था गमलेया संस्थान के प्रमुख प्रोफेसर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग और अन्य शोधकर्ताओं ने अपने आप पर टीका लगाने की भी कोशिश की थी। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको का कहना है कि कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को सबसे पहले यह वैक्सीन दी जा सकती है।

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