मुस्लिमों पर खतरा: ये इमाम कर रहा बड़ी गलती, ना माने ये बातें

इम्युनिटी को लेकर सोमालिया के कुछ इमामों का बयान बड़ी तेज चर्चों में आ गया है। सोमालिया के इमामों का दावा है कि मुसलमानों की इम्युनिटी पहले से ही इतनी मजबूत है कि कोरोना वायरस उनका कुछ बुरा नहीं कर पाएगा।

Update: 2020-05-12 13:26 GMT
मुस्लिमों पर खतरा: ये इमाम कर रहा बड़ी गलती, ना माने ये बातें

नई दिल्ली। महामारी से बचाव के लिेए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने इम्यूनिटी मजबूत रखने की सलाह दी है। ऐसे में इम्युनिटी को लेकर सोमालिया के कुछ इमामों का बयान बड़ी तेज चर्चों में आ गया है। सोमालिया के इमामों का दावा है कि मुसलमानों की इम्युनिटी पहले से ही इतनी मजबूत है कि कोरोना वायरस उनका कुछ बुरा नहीं कर पाएगा। यहां के इमामों के ये बयान उन वरिष्ठ मुस्लिम विद्वानों के ठीक उलटे हैं जिन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बताया था।

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इस्लाम को नहीं मानते

ऐसे में यहां के एक चिकित्साकर्मी ने बताया कि इमामों की ऐसी बातें सोमालिया के लोगों की जिंदगी खतरे में डाल रही हैं। इसके साथ ही यहां की आबादी को शिक्षित करने के काम में भी बाधा डाल रही है।

इस चिकित्साकर्मी ने बताया कि 'कुछ मस्जिद इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं कि कोरोना वायरस महामारी सिर्फ उन लोगों को हो रही है जो इस्लाम को नहीं मानते हैं।'

आगे उन्होंने कहा कि सोमालिया में लोग बहुत धार्मिक हैं और डॉक्टर या सरकार की बातों से ज्यादा यहां के इमाम की बातें मानते हैं।

आपकों बता दें कि इमामों के बयान से पहले यहां के कुछ वरिष्ठ मुस्लिम विद्वानों लोगों से डॉक्टर्स और सरकार के दिशानिर्देशों का पालने करने की अपील की थी। मुस्लिम विद्वानों ने लोगों से रमजान के दौरान मस्जिदों में ना जाकर घर में ही नमाज पढ़ने को कहा था।

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मस्जिदों में नहीं जाने का आग्रह

इस मामले में मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉक्टर मोहम्मद अल-इस्सा ने समुदाय के लोगों को हेल्थ गाइडलाइन का पालन करने और फिलहाल मस्जिदों में नहीं जाने का आग्रह किया था।

इस पर उन्होंने कहा था कि कई मुस्लिम देशों ने महामारी के मद्देनजर मस्जिदों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया है और लोगों को इसे एक धार्मिक कर्तव्य समझना चाहिए।

डर तो इस बात है कि सोमालिया में इमामों की गलत सूचना देश को कोरोना से तबाह करने का काम कर सकती है। यहां पूरे देश में टेस्टिंग की सिर्फ 4 मशीनें हैं जबकि अब तक 900 कंफर्म केस सामने आ चुके हैं। फिर भी कोई सावधानी न बरती जा रही है।

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