Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में फिर मची तबाही, भूकंप के तेज झटकों से सहमा देश
Earthquake in Afghanistan: ऐसे में रविवार को जब लोगों को तेज झटका महसूस हुआ तो वे बुरी तरह सहम गए। अभी तक जानमाल को नुकसान पहुंचने संबंधी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
Earthquake in Afghanistan: अफगानिस्तान में एकबार फिर शक्तिशाली भूकंप आया है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई है। भूकंप एकबार फिर देश की पश्चिम में ईरान सीमा के नजदीक स्थित हेरात में आया है। जहां पिछले दिनों आए भूकंप में 2 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी। ऐसे में रविवार को जब लोगों को तेज झटका महसूस हुआ तो वे बुरी तरह सहम गए। अभी तक जानमाल को नुकसान पहुंचने संबंधी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
रविवार को जैसे ही लोगों को भूकंप का झटका महसूस हुआ, लोग फौरन अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हेरात शहर में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर दिखे। काफी देर इंतजार करने के बाद सभी वापस काम पर लौटे। दरअसल, पिछले एक हफ्ते में हेरात शहर में भूकंप के कई झटके आ चुके हैं, जिससे लोगों में बहुत खौफ है।
विनाशकारी भूकंप में 4 हजार से अधिक मौत
बीते रविवार को आया भूकंप अफगानिस्तान में दो दशक में आया सबसे विनाशकारी भूकंप साबित हुआ है। जिसमें 4 हजार से अधिक लोगों के मारे जाने का अनुमान है। इस भूकंप ने गांवों में अधिक तबाही मचाई है। तालिबान के प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, भूकंप में 20 गांवों के करीब 2 हजार घर तबाह हो गए। बड़ी आबादी एक ही झटके में सड़कों पर आ गई है। फिलहाल विभिन्न संस्थानों के एक हजार बचावकर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
देश की बागडोर जब से तालिबान के हाथों में गई है, तब से हालात और खराब हुए हैं। अस्पतालों में दवाओं और मेडिकल स्टाफ की भयानक कमी है। जिसके कारण भूकंप में जख्मी हुए लोग उपचार न मिल पाने के कारण दम तोड़ रहे हैं। तालिबान ने विदेशी सरकारों से मदद की अपील की है लेकिन चीन को छोड़कर अब तक किसी ने कोई बड़ी मदद नहीं की है। इस साल सीरिया, तूर्किये और मोरक्को के बाद भूकंप ने अफगानिस्तान में सबसे भयानक तबाही मचाई है।
2022 में भी आया था शक्तिशाली भूकंप
अफगानिस्तान में बीते साल यानी 2022 में भी एक शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी। जून 2022 में पक्तिका प्रांत में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.1 थी। इसमें करीब एक हजार लोग मारे गए थे और 1500 जख्मी हुए थे।