Earthquake in Nepal: सुबह-सुबह फिर डोली नेपाल की धरती, भूकंप से लोगों में दहशत

Earthquake in Nepal: अचानक आए भूकंप से एकबार फिर लोगों में हड़कंप मच गया। सुबह का समय होने के कारण अधिकांश लोग अपने घरों में सोए थे।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-24 07:52 IST

Earthquake in Nepal (photo: social media )  

Earthquake in Nepal: अफगानिस्तान के बाद भारत एक और पड़ोसी देश नेपाल में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। मंगलवार सुबह-सुबह एकबार फिर नेपाल की धरती हिली। तड़के करीब 4 बजकर 17 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूंकप का केंद्र राजधानी काठमांठू से करीब 50 किमी दूर था।

अचानक आए भूकंप से एकबार फिर लोगों में हड़कंप मच गया। सुबह का समय होने के कारण अधिकांश लोग अपने घरों में सोए थे। उन्हें झटका जैसे ही महसूस हुआ तो फौरन घरों से बाहर निकले। लोगों में दहशत का माहौल है। वे अभी भी अपने घरों के अंदर जाने से हिचकिचा रहे हैं। फिलहाल आज आए भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।

इससे पहले रविवार को आए भूकंप ने नेपाल में तबाही मचा दी थी। 22 अक्टूबर की सुबह रिक्टर पैमाने पर 6.1 की तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया था। इससे काठमांठू दहल गया था। राजधानी में करीब 20 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। भूकंप और उसके बाद आए झटकों से लोगों में दहशत फैल गया।

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के मुताबिक, सुबह सात बजकर 39 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र धाड़िंग जिले में था। भूकंप के झटके राजधानी काठमांठू के अलावा बागमती और गंडकी प्रांत के अन्य राज्यों में भी महसूस किए गए थे। कई जिलों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं। दोपहर बाद धाड़िंग जिले में तीन और झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर चार से अधिक मापी गई। जिले में 20 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए और करीब 75 अन्य मकानों में दरारें आ गईं।

अक्टूबर में कई बार डोल चुकी है नेपाल में धरती

नेपाल में इस माह यानी अक्टूबर में अब तक कई बार धरती डोल चुकी है। इससे पहले 16 अक्टूबर को नेपाल के कई हिस्सों में 4.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। इससे पहले 3 अक्टूबर को भी नेपाल के कई हिस्सों में धरती डोली थी। भूकंप के झटकों ने लोगों को साल 2015 का वह खौफनाक समय याद दिला दिया, जब इस प्राकृतिक आपदा ने 9 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी।

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