जिस ईरान को दुश्मन मानते थे 'ट्रंप', उस पर 'बाइडेन' क्यों दिखा रहे हैं इतनी दरियादिली

यमन में युद्ध की वजह से एक मानवीय संकट और रणनीतिक त्रासदी का जन्म हुआ है।बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार में लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकार को प्राथमिकता दी जाएगी।

Update:2021-02-05 17:31 IST
डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के प्रतिद्वंद्वी ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति अपनाई जबकि बाइडेन ईरान के प्रति नरमी दिखा रहा हैं।

वाशिंगटन: सऊदी अरब को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने तगड़ा झटका दिया है। बाइडेन प्रशासन ने गुरुवार को घोषणा की है कि अमेरिका अब यमन में सऊदी अरब के पांच साल पुराने सैन्य अभियान में उसकी मदद नहीं करेगा।

बता दें कि यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब और यूएई ने मिलकर पिछले पांच वर्ष से सैन्य अभियान छेड़ रखा है जिसमें स्कूली बच्चों समेत बड़ी संख्या में आम लोग मारे गये हैं।अमेरिका के इस फैसले को ईरान के हक में माना जा रहा है।

राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन पहली बार विदेश मंत्रालय गए और वहां मौजूद राजनयिकों से बातचीत की।बाइडेन ने राजनयिकों से कहा, इस युद्ध को खत्म करना होगा।

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जिस ईरान को दुश्मन मानते थे 'ट्रंप', उस पर 'बाइडेन' क्यों दिखा रहे हैं इतनी दरियादिली(फोटो: सोशल मीडिया)

लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकार को प्राथमिकता दी जाएगी: बाइडेन

यमन में युद्ध की वजह से एक मानवीय संकट और रणनीतिक त्रासदी का जन्म हुआ है।बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार में लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकार को प्राथमिकता दी जाएगी।

गौर करने की बात ये है कि जब तक डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में सरकार रही, सऊदी अरब को हर मोर्चे पर भरपूर मदद मिलती रही। मानवाधिकार संगठनों द्वारा सऊदी अरब के खिलाफ आवाज उठाने के बाद भी ट्रंप सरकार ने आधुनिक हथियार बेचे।

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जिस ईरान को दुश्मन मानते थे 'ट्रंप', उस पर 'बाइडेन' क्यों दिखा रहे हैं इतनी दरियादिली(फोटो: सोशल मीडिया)

ईरान के प्रति नरमी दिखा रहे बाइडेन

ट्रंप ने सऊदी अरब के प्रतिद्वंद्वी ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति अपनाई जबकि बाइडेन ईरान के प्रति नरमी दिखा रहा हैं।

इससे आने वाले दिनों में अमेरिका, सऊदी अर्ब और ईरान को लेकर एक अलग तरह की तस्वीर वैश्विक पटल पर देखने को मिल सकती है। बाइडेन सरकार के फैसलों का असर सऊदी और ईरान के साथ संबंधों पर भी देखने को मिलेगा।

एक और खास बात बता दें कि बाइडेन ने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान मानवाधिकारों को लेकर सऊदी किंगडम के शासकों की कड़ी आलोचना की थी. राष्ट्रपति बनने के बाद भी वो सऊदी के नेताओं से दूरी बनाए रखने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।

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