पाकिस्तान में भीषण संकट! भूखमरी के कगार पर लोग, तरस रहे एक-एक रोटी के लिए

पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। पड़ोसी देश में लोगों एक-एक रोटी के लिए तरश रहे हैं। पाकिस्तान अब आटे की कमी से जूझ रहा है। एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कई राज्यों में लोगों को रोटियां नहीं मिल रही हैं।

Update:2020-01-21 20:36 IST

नई दिल्ली: पाकिस्तान की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। पड़ोसी देश में लोगों एक-एक रोटी के लिए तरश रहे हैं। पाकिस्तान अब आटे की कमी से जूझ रहा है। एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कई राज्यों में लोगों को रोटियां नहीं मिल रही हैं। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि आटा या गेहूं की कमी नहीं है और जान बूझकर संकट पैदा कर दी गई है।

बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब में आटे की कमी से लोग जूझ रहे हैं। काफी लोगों के पास आटा नहीं जिसकी वजह से वह चावल ही खा रहे हैं। आटे की कमी की वजह से खैबर पख्तूनख्वाह में नान बनाने वाली कई दुकानें बंद हो गई हैं। आटे की कमी और दाम बढ़ने की वजह से नान तैयार करने वाले नानबाई हड़ताल पर चले गए हैं।

इमरान खान की सरकार ने राज्यों में आटे की कमी का संज्ञान लिया है। एक दूसरी मुताबिक सोमवार को सरकार ने 3 लाख टन गेहूं के आयात को भी मंजूरी दी है, लेकिन पहला शिपमेंट आने में 15 फरवरी तक का समय लग सकता है।

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इमरान सरकार ने यह अभी साफ नहीं किया वह किस देश से गेहूं खरीदेगी। तो वहीं पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट कंपनी जिस देश से चाहे गेहूं आयात कर सकती है। कमी की वजह से देश में आटा और रोटी के दाम बढ़ गए हैं। कई दुकानदारों ने कहा है कि उन पर सरकार कम दाम में रोटी बेचने के लिए दबाव बना रही है।

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रावलपिंडी के एक दुकानदार ने बताया कि अगर मुझे आटा महंगा मिलता है तो मैं एक रोटी 8 रुपये में नहीं बेच सकता हूं। उन्होंने कहा कि एलपीजी के दाम भी बढ़ गए हैं। नई सरकार आने के बाद 4 बार दाम बढ़ाए गए हैं।

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2018 के आखिर से लेकर जून 2019 के बीच तक पाकिस्तान ने 6 लाख मिट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया था। जुलाई 2019 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी अक्टूबर तक 48 हजार मिट्रिक टन गेहूं विदेश भेजे गए हैं।

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