Toshakhana Case: इमरान स्टोरी: क्या है तोशखाना केस

Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की कैद और पांच साल तक चुनाव लड़ने से बैन करने की सज़ा सुनाई गई है। इमरान के खिलाफ वैसे तो कई मामले दर्ज हैं लेकिन इस मामले को तोशखाना केस कहा जाता है।

Update: 2023-08-05 15:28 GMT
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान: Photo- Social Media

Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल की कैद और पांच साल तक चुनाव लड़ने से बैन करने की सज़ा सुनाई गई है। इमरान के खिलाफ वैसे तो कई मामले दर्ज हैं लेकिन इस मामले को तोशखाना केस कहा जाता है।

क्या है मामला?

तोशखाना दरअसल एक संघीय सरकारी विभाग है जो पद पर रहते हुए अधिकारियों और निर्वाचित नेताओं द्वारा प्राप्त सभी मूल्यवान वस्तुओं का प्रभारी होता है। आसान शब्दों में कहें तो पदासीन नेता और अधिकारी जो भी कीमती गिफ्ट आदि पाते हैं वह उनकी निजी संपत्ति नहीं मानी जाती बल्कि वह राज्य की संपत्ति होती है।

प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त उपहारों को "जानबूझकर छुपाने" और उन्हें तोशखाना की बजाय अपने पास रखने के लिए पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इमरान खान को तोशखाना को कुछ उपहारों का खुलासा नहीं करने और तोशखाना में जमा कुछ उपहारों की बिक्री में अनियमितता के लिए दोषी ठहराया गया है।

इस्लामाबाद की अदालत ने फैसला सुनाया है कि इमरान खान तोशखाना के साथ लेनदेन में "भ्रष्ट आचरण" में शामिल थे।उन्होंने सरकारी खजाने की कीमत पर लाभ उठाया।

कादिर ट्रस्ट मामला

इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला अल कादिर ट्रस्ट का भी है। आरोप लगाया गया है कि इमरान और उनकी पत्नी ने बतौर रिश्वत अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की थी। ये रिश्वस्त इमरान खान की सरकार के दौरान 50 अरब रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के बदले में एक रियल एस्टेट फर्म ने दी थी। कादिर ट्रस्ट मामले की जड़ यूनाइटेड किंगडम तक जाती हैं। जहां एक शख्स के खातों को इस संदेह पर फ्रीज किया गया था कि उसके खातों की रकम एक अन्य देश में भ्रष्टाचार से कमाई हुई है।

मामले का चक्र पांच साल पहले शुरू हुआ था जब यूनाइटेड किंगडम की नेशनल क्राइम एजेंसी (एनसीए) रियल एस्टेट टाइकून मलिक रियाज के परिवार के साथ 190 मिलियन पाउंड के समझौते पर सहमत हुई थी। एनसीए द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस सेटलमेंट में ब्रिटेन की एक संपत्ति - 1 हाइड पार्क प्लेस, लंदन, शामिल थी ।जिसका मूल्य लगभग 50 मिलियन पाउंड था और सभी धनराशि मलिक रियाज के फ्रीज हुए खातों में आ गई।

यूके में रियाज की संपत्ति और संपत्ति की जांच के लिए एनसीए के कदम का पहला रिकॉर्ड दिसंबर 2018 में सामने आया, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सत्ता में आने के तुरंत बाद। 14 अगस्त, 2019 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में एनसीए ने कहा : "एनसीए को कुल 100 मिलियन पाउंड से अधिक के आठ बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं, जो एक विदेशी राष्ट्र में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार से प्राप्त होने का संदेह है।

जून 2022 में कथित तौर पर मलिक रियाज़ और उनकी बेटी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के एक कथित ऑडियो लीक के बाद मामला फिर से सुर्खियों में आ गया। उस ऑडियो में दोनों को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ गोगी की कथित मांगों के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है। ये डिमांड इमरान खान की पिछली सरकार से मिले कुछ कथित एहसानों के बदले में थे।

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