France Abaya Ban: फ्रांस में ‘अबाया’ बैन पर कोर्ट की मुहर, जानिए आखिर अबाया है क्या?

France Abaya Ban:फ्रांस की सर्वोच्च अदालत स्टेट काउंसिल सरकारी अधिकारीयों के खिलाफ शिकायतों को सुनती है। स्टेट काउंसिल ने कहा कि उसने अबाया प्रतिबंध के खिलाफ स्टे के अनुरोध को खारिज कर दिया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-09-08 08:24 GMT

France Abaya Ban  (photo: social media ) 

France Abaya Ban: फ्रांस की शीर्ष प्रशासनिक अदालत ने सार्वजनिक स्कूलों में मुस्लिम परिधान ‘अबाया’ पहनने पर सरकारी प्रतिबंध को बरकरार रखा है, और उन अबाया प्रतिबन्ध के खिलाफ शिकायतों को खारिज कर दिया है। फ्रांस की सर्वोच्च अदालत स्टेट काउंसिल सरकारी अधिकारीयों के खिलाफ शिकायतों को सुनती है। स्टेट काउंसिल ने कहा कि उसने अबाया प्रतिबंध के खिलाफ स्टे के अनुरोध को खारिज कर दिया है। मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली फ्रांस की काउंसिल ऑफ द मुस्लिम फेथ ने दलील दी थी कि परिधानों पर प्रतिबंध लगाने से भेदभाव का खतरा बढ़ सकता है। मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन एक्शन फॉर द राइट्स ऑफ मुस्लिम्स (एडीएम) ने स्टेट काउंसिल में प्रस्ताव दायर कर प्रतिबंध के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग करते हुए कहा था कि यह भेदभावपूर्ण है और मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़का सकता है।

पिछले महीने हुई थी घोषणा

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह स्कूलों में ‘अबाया’ और ‘क़मीस’ पर प्रतिबंध लगा रही है। सरकार ने दावा किया था कि इन पोशाकों ने शिक्षा में धर्मनिरपेक्षता के नियमों को तोड़ दिया है। मुस्लिम हेडस्कार्फ़ों पर पहले ही इस आधार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है कि वे धार्मिक संकेत का प्रदर्शन करते हैं।

अबाया वास्तव में क्या है?

अबाया एक लंबा, आमतौर पर गहरे रंग का लबादा होता है, जिसे कई मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। अबाया से गर्दन से लेकर पैर की उंगलियों तक शरीर पूरी तरह ढक जाता है। कुछ महिलाएँ अपनी आँखों को छोड़कर अपना पूरा चेहरा भी ढक लेती हैं। महिलाएं आमतौर पर यौवन के पहले संकेत पर अबाया पहनना शुरू कर देती हैं। अबाया और बुर्का अलग अलग चीजें हैं। बुर्का आमतौर पर काले रंग का होता है और उसमें चेहरा भी ढका रहता है जबकि अबाया में चेहरा आमतौर पर खुला रहता है।

कहाँ कहाँ है प्रचलन

आप मुस्लिम महिलाओं को अबाया नामक लबादा पहने हुए कहीं भी देख सकते हैं। अबाया पूरे मध्य पूर्वी देशों में और यहां तक कि अब तो अमेरिका और यूरोप में भी मिलेगा। अबाया पहनना इस्लामी महिलाओं की संस्कृति का एक सामान्य हिस्सा है। अबाया कोई धार्मिक परिधान नहीं है बल्कि सासंकृतिक पहचान का हिस्सा बन चुका है।

मुस्लिम पहनावा

बुर्के और अबाया के अलावा मुस्लिम महिलाओं के कई और कपड़े भी अकसर चर्चा का विषय रहते हैं।

शायला : शायला एक चोकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है। इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं। आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है। खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है।

हिजाब : हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है। इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है। हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है। दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं।

अल अमीरा : अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है। इसके एक हिस्सा से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है। अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है।

चिमार : यह भी हेड स्कार्फ से जुडा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है। इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है।

चादर : जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है। ईरान में यह खासा लोकप्रिय है। इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है।

नकाब : नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है। सिर्फ आंखें ही दिखती हैं। अकसर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है। नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं।

इंडोनेशिया में लड़कियां हिजाब पहनने को मजबूर नहीं

सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में लड़कियों को स्कूल में हिजाब पहनने से आजादी है। सरकार ने उन स्कूलों को बैन करने का फैसला किया है जो लड़कियों के हिजाब पहनने को अनिवार्य मानते हैं। इंडोनेशिया के शिक्षा मंत्री नदीम माकारिम का कहना है कि धार्मिक कपड़े पहनने हैं या नहीं, यह व्यक्ति की पसंद पर निर्भर है और स्कूल इसे अनिवार्य नहीं बना सकते। उनके मुताबिक जो भी स्कूल लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करेंगे, उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। ऐसे स्कूलों को सरकार से मिलने वाला अनुदान रोका जा सकता है। पिछले साल पश्चिमी सुमात्रा के पाडांग शहर में एक ईसाई लड़की के कारण हिजाब पहनने का मुद्दा वहां काफी दिनों से सुर्खियों में था। स्कूल ने उस पर हिजाब पहनने के लिए दबाव डाला। उसने इनकार कर दिया। उसके माता पिता ने हिजाब को सभी लड़कियों के लिए अनिवार्य बताने वाले अधिकारी से हुई अपनी बातचीत को चुपके से रिकॉर्ड कर लिया। जब यह वीडियो वायरल हो गया तो स्कूल को माफी मांगनी पड़ी।

27 करोड़ की आबादी वाले इंडोनेशिया में आधिकारिक तौर पर छह धर्मों को मान्यता दी गई है, लेकिन वहां 90 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं। हाल के समय में इंडोनेशिया में लगातार धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है।

बहुत से देशों में बैन

कई ऐसे देश हैं जहां हिजाब अनिवार्य है जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने हिजाब और नकाब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। कहीं पर सिर्फ नकाब पर प्रतिबंध है तो कहीं हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है। हिजाब सिर्फ एक स्कार्फ है जिसे अपने सिर को ढकने के लिए इस्तेमाल करते हैं जबकि नकाब कपड़े का एक टुकड़ा है जो बालों, सिर और चेहरे को ढकता है। मध्य पूर्व अरब राज्य, अफगानिस्तान और ईरान ऐसे देश हैं जहां हिजाब अनिवार्य है।

नीदरलैंड :

नीदरलैंड में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ-साथ स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी भवनों में बुर्का और चेहरे का नकाब पहनने पर प्रतिबंध है। यहाँ के कैबिनेट ने पिछले साल हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की योजना को मंजूरी दी थी लेकिन इस बिल को अभी भी सीनेट से मंजूरी की जरूरत है।

फ्रांस :

हिजाब या किसी भी प्रकार धार्मिक प्रतीक चिन्ह के रूप में देखे जाने वाले वस्त्र पहनने पर फ्रांसीसी सरकार का प्रतिबंध 2004 मं् कानून बना और उसी वर्ष सितंबर में लागू हो गया। फ़्रांस में सरकारी स्कूलों में हिजाब सहित कुछ धार्मिक प्रतीकों को पहनना प्रतिबंधित है। हिजाब पर प्रतिबंध के साथ, अन्य धार्मिक प्रतीकों को फ्रांसीसी राज्य के स्कूलों में पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें सिख पगड़ी शामिल है। फ़्रांस में हिजाब पहनने वाली महिलाओं पर 30,000 यूरो का जुर्माना और एक साल की जेल हो सकती है।

बेल्जियम :

बेल्जियम सार्वजनिक स्थानों पर नकाब पर प्रतिबंध लगाने वाला दूसरा देश था यहाँ जुलाई 2011 में प्रतिबंध की घोषणा की गयी। देश में चेहरा ढंकने वाली किसी भी चीज पहनने पर जुर्माना लगाया जा सकता है और सात दिन जेल की सजा हो सकती है।

बुल्गारिया :

2018 में बुल्गारिया ने सुरक्षा कारणों से बुर्का और चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

स्विट्जरलैंड :

2013 में स्विस मतदाताओं के बहुमत से सार्वजनिक रूप से चेहरा नकाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया गया था। हालांकि, प्रतिबंध 2016 में शुरू किया गया। उल्लंघन के मामले में महिलाओं पर 9,200 फ्रैंक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इटली :

इटली के सबसे धनी क्षेत्र लोम्बार्डी में बुर्का और चेहरे के नकाब पर प्रतिबंध है। प्रतिबंध की घोषणा दिसंबर 2015 में की गई थी। इसके अलावा ऐसे अन्य कानून भी हैं जो पहचान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हेलमेट और अन्य चेहरे को ढंकने वाली चीजों पर भी प्रतिबंध लगाते हैं।

चाड :

जून 2015 में लगातार दो आत्मघाती बम विस्फोटों के बाद अफ्रीकी देश चाड ने महिलाओं के चेहरे पर ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

ऑस्ट्रिया :

ऑस्ट्रिया ने 2017 में महिलाओं के लिए चेहरे पर नकाब और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

लातविया :

लातविया में वैसे भी महिलाएं शायद ही कभी चेहरे को ढंकती हैं लेकिन 2016 में उन्हें देश से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था।

कोसोवो :

2009 में सार्वजनिक स्थानों, सरकारी भवनों और स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

मोरक्को :

जनवरी 2017 में फेस वील और बुर्का पहनने, निर्माण, विपणन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

तुर्की :

तुर्की अपनी महिला छात्रों को कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देता है, हालांकि उन्होंने अतिथि छात्रों के लिए छूट प्रदान की है। तुर्की में हाईस्कूल में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध 2014 में हटा लिया गया था।

मिस्र :

मिस्र एक और मुस्लिम देश है जहां सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का और चेहरा ढकना प्रतिबंधित है।

ताजिकिस्तान :

ताजिकिस्तान ने एक नया कानून पारित किया है जो मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनने से रोकेगा। कानून में लोगों से पारंपरिक राष्ट्रीय कपडे पहनने और संस्कृति का अनुसरण करने की अपेक्षा की गयी है। इस कदम को इस्लामिक कपड़ों पर कार्रवाई के रूप में देखा गया है। मध्य एशियाई देश में महिलाएं पारंपरिक रूप से हिजाब के बजाय अपने सिर के पीछे बंधा हुआ दुपट्टा पहनती हैं, जिसे ठुड्डी के नीचे लपेटा जाता है। हिजाब पहनने वाली महिलाओं के देश के सरकारी कार्यालयों में प्रवेश पर पहले से ही प्रतिबंध है।

अजरबैजान में 2010 से और ट्यूनीशिया में 1981 से सार्वजनिक स्कूलों और विश्वविद्यालयों या सरकारी भवनों में बुर्के पर प्रतिबंध लगा है। सीरिया में जुलाई 2010 से चेहरे पर नकाब लगाने पर प्रतिबंध लगा है।

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