Russia-Ukraine War: G-20 समिट के बीच पोलैंड पर मिसाइल अटैक, बाइडन बोले- ऐसा संभव नहीं, घटना की जांच करेंगे

Russia-Ukraine War: रूस ने पोलैंड के आरोप को खारिज किया है। रूस ने नाटो मेंबर पर मिसाइल दागने से इनकार करते हुए इसे एक साजिश बताया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-11-16 10:09 IST

 G-20 समिट के बीच पोलैंड पर मिसाइल अटैक (photo: social media )

Russia-Ukraine War: इंडोनेशिया के बाली में दुनिया के शीर्ष नेताओं के जमावड़े के बीच नाटो मेंबर पोलैंड में एक बड़ी घटना घटी है। रूस और युद्धग्रस्त यूक्रेन का पड़ोसी देश पोलैंड ने मंगलवार को दावा किया कि उसपर रूसी मिसाइल दागी गई है, जिसमें दो लोगों की जान गई। पोलैंड के इस दावे से दुनिया में हड़कंप मच गया है। दरअसल, पोलैंड एक नाटो मेंबर है और संधि के मुताबिक नाटो के सदस्य देशों पर कोई हमला होता है तो पूरे समूह को उसके बवाच में आगे आना होगा।

रूस ने पोलैंड के आरोप को खारिज किया है। रूस ने नाटो मेंबर पर मिसाइल दागने से इनकार करते हुए इसे एक साजिश बताया है। वहीं, इस घटना के बाद अमेरिका एक्टिव हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जी-20 समिट में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आपातकालीन बैठक बुलाई। उन्होंने कहा, पोलैंड में रूस की मिसाइलें गिरना संभव नहीं लगता। फिर भी घटना की जांच की जाएगी।

पोलैंड ने बुलाई आपात बैठक

पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने मिसाइल गिरने की खबरों के बाद आपात बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा मामलों को लेकर बैठक हुई। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ये मिसाइलें रूस में बनी हैं। मिसाइल हमले से दो लोगों की मौत हुई है। इस मामले में जांच जारी है, जल्द ही इस बारे में अपडेट दिया जाएगा।

दरअसल, रूस - यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन से बड़ी संख्या में लोग पोलैंड में शरण लेने के लिए गए। वहां, अब भी बड़ी संख्या में शरणार्थी मौजूद हैं। इसके अलावा युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को भी पोलैंड के जरिए रेस्क्यू किया गया था। जंग के शुरूआत से ही पोलैंड रूस की कठोर आलोचना करता है। उसने कई रूसी राजनियकों को देश से निकाल दिया था।

अमेरिका ने रूस को दी चेतावनी

इंडोनेशिया में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घटना के बाद फौरन जी-7 देशों की एक बैठक बुलाई। जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके जैसे देश शामिल हुए। इसके अलावा नाटो मेंबर नीदरलैंड, स्पेन, ईयू और यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष भी शामिल हुए। अमेरिक ने रूस को सख्त चेतावनी दी है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइन ने पोलिश राष्ट्रपति एंड्रेज डूडा से फोन पर घटना की पूरी जानकारी ली है। नाटो के महासचिव स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि हम नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे।

जेलेंस्की बोले – रूस के खिलाफ एक्शन ले नाटो

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पोलैंड पर रूसी मिसाइल गिरने की निंदा की है। उन्होंने नाटो से फौरन रूस के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। उन्होंने पोलिश राष्ट्रपति से फोन पर बाचतीच में रूसी मिसाइल से मारे गए नागरिकों की मौत पर शोक जताया है। जेलेंस्की ने कहा कि नाटो के सदस्य देश पर हमला एक गंभीर मसला है। यह दिखाता है कि रूस का आतंक अब केवल हमारे देश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहा।

क्या है नाटो

नाटो का पूरा नाम नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन है। यह यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों का एक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है। नाटो में अमेरिका, फ्रांस, तुर्की,ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, कनाडा, डेनमार्क, पोलैंड, आइसलैंड्स, इटली, नार्वे, पुर्तगाल समेत 30 देश हैं। बता दें कि रूस – यूक्रेन के बीच जंग का एक अहम कारण यूक्रेन का नाटो के प्रति झुकाव भी था। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता था, जो राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को हरगिज मंजूर नहीं था।

Tags:    

Similar News