जयपुर में हुई इस शख्स की मौत,इस व्यक्ति के कारण लाखों लोगों का डूबा करोड़ों रुपया

Update: 2019-02-07 05:39 GMT

जयपुर:कनाडा की एक कंपनी है क्वाड्रिगासीएक्स। यह कंपनी क्रिप्टोकरंसी और करंसी एक्सचेंज सेक्टर में काम करती है। यह एक्सचेंज वर्चुअल करंसी बिटकॉइन, लाइटकॉइन और इथीरियम में कारोबार की सुविधा देता है। इसके सीईओ थे जेराल्ड कॉटन। 30 साल के कॉटन को आंत संबंधी परेशानी थी। काम के लिए भारत पहुंचे, लेकिन बीमारी की वजह से जयपुर, भारत में ही 9 दिसंबर को मौत हो गई। सीईओ की मौत की पुष्टि 15 जनवरी को क्वाड्रिगासीएक्स के ऑफिशल फेसबुक पेज पर की गई। यहां बताया गया है कि कॉटन भारत में अनाथ बच्चों को बेहतर जिंदगी देने के लिए अनाथालय खोलने वाले थे।जेराल्ड को गेरी कॉटन के नाम से भी जाना जाता था।

कॉटन की मौत के बाद उनकी पत्नी जेनिफर रॉबर्टसन कनाडा की कोर्ट में क्रेडिट प्रोटेक्शन के लिए अपील की। अपील में बताया गया कि गेराल्ड के इन्क्रिप्टेड खाते को अनलॉक नहीं कर पा रहे हैं। इस अकाउंट में 190 मिलियन डॉलर (करीब 1359 करोड़) की क्रिप्टोकरंसी लॉक्ड है। इस अकाउंट का पासवर्ड जेनिफर को भी नहीं मालूम है। पेच यह है कि अकाउंट का पासवर्ड सिर्फ जेराल्ड को पता था जो अब इस दुनिया में नहीं है।इसके लिए जब राबर्टसन ने कोर्ट में अपील की तो यह न्यूज वायरल हो गई।

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अब उनकी मौत के बाद उनके कस्टमर अपने एकाउंट को एक्सेस नहीं कर सकते है।उनके सामने बहुत बड़ी मुश्किल बनी हुई है।जेराल्ड का लैपटॉप, ईमेल एड्रेस और मैसेजिंग सिस्टम सब कुछ एनक्रिप्टेड है। उनके अलावा पासवर्ड की और किसी को जानकारी भी नहीं है, क्योंकि सारे फंड्स वह अकेले ही हैंडिल करते थे। उनकी ये चिंता जायज़ भी थी, क्योंकि पिछले साल ही दुनिया के सबसे ज्यादा एक्टिव डिजिटल एक्सचेंज को हैक करने के कम से कम पांच बड़े हमले हो चुके है।क्रिप्टोकरंसी अकाउंट का पता लगाने और उसे सुरक्षित करने की कोशिश की है. हमें अपने कस्टमर्स को उनके डिपॉजिट के हिसाब से पैसा देना है लेकिन हम ऐसा करने में असमर्थ हैं क्योंकि अकाउंट को ऐक्सेस नहीं कर पा रहे हैं।

जेनिफर के अपील करने के बाद कंपनी ने नोवा स्कॉटिया सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी है कि कंपनी के सीईओ की मौत के बाद कंपनी सहायता की जाए, ताकि इकनॉमिक दिक्कतों से छुटकारा मिल सके। कंपनी का कहना है कि हमें कस्टमर्स को हिसाब देना है, लेकिन मौजूदा हालत में हम ऐसा नहीं कर सकते। क्योंकि जिस खाते में पैसा है, हम उसे खोल नहीं पा रहे हैं. हमारी मदद कीजिए। कंपनी की करीब 53 मिलियन डॉलर (379 करोड़) अटकी हुई है और मामला कोर्ट में है। इससे पहले नवंबर 2018 में भी पैसों को लेकर बात कोर्ट तक पहुंच गई थी जिसके बाद कोर्ट ने पैसा रिलीज़ किया था। मौजूदा वक़्त में कंपनी पर 1,15,000 कस्टमर्स का बकाया जमा हो गया है।

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