Google Doodle Celebrate: पैरालपिंक खेलों के जनक लुडविग गुट्टमन के बर्थडे को गूगल ने ऐसे किया सेलिब्रेट

Google Doodle Celebrate: आज, 03 जुलाई देश के इतिहास का सबसे बड़ा दिन है। आज ही के दिन पैरालंपिक खेलों के संस्थापक सर लुडविग गुट्टमन का जन्म हुआ।

Newstrack :  Network
Published By :  Shweta
Update:2021-07-03 12:16 IST

लुडविग गुट्टमन ( फोटो सोशल मीडिया)  

Google Doodle Celebrate: आज, 03 जुलाई देश के इतिहास का सबसे बड़ा दिन है। आज ही के दिन पैरालंपिक खेलों के संस्थापक लुडविग गुट्टमन का जन्म हुआ। इस दिन को गूगल अपने डूडल के जरिए लुडविग गुट्टमन का बर्थडे सेलिब्रेट कर रहा है। यह उनका 122वें जन्मदिन है। जिस आज खास डूडल बनाया गया है।

बता दें कि लुडविग गुट्टमन के गूगल डूडल को बाल्‍टीमोर के निवासी गेस्‍ट आर्टिस्‍ट आशांति फोर्टसन ने डिजाइन किया है। इस विशेष अवसर पर डूडल में गुट्टमन को बीच में और उसके चारों तरफ पैरालंपिक खेलों को बनाया गया है। वहीं लुडविग गुट्टमन का जन्म 03 जुलाई 1899 को टोस्ट (अब पोलैंड का टोस्ज़ेक) नामक स्थान पर हुआ था। इसका दूसरा नाम 'पोप्पा' भी है।

लुडविग गुट्टमन एक सुप्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट बने। इन्होंने रीढ़ की हड्डी की चोटों और न्यूरोसर्जिकल वर्क प्रोसीजर्स पर रीसर्च किया। इस रीसर्च ने उन्हें जर्मनी का सबसे बड़े न्यूरोलॉजिस्ट में से एक बना दिया। यहूदी होने के कारण उन्हें आगे का मेडिकल रीसर्च करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उस समय जर्मनी में यहूदी हाना किसी अभिशाप से कम नहीं था। जिसके बाद वह उस देश से छोड़ कर साल 1939 में वह इंग्लैंड आ गए।

व्हीलचेयर को लिए खेल का आयोजन

कॉन्सेप्ट फोटो ( फोटो सोशल मीडिया)

आपको बता दें कि लुडविग गुट्टमन इंग्लैंड आने के बाद से कई सारे रीसर्च किए। उसके बाद उन्होंने पैरापलेजिया मरीजों पर रीसर्च किया और साल 1948 में व्हीलचेयर से चलने वाले लोगों के लिए एक तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस आयोजन को अब 'पैरालिंपिक खेलों' के तौर पर जाना जाता है। कहा जाता है कि उस समय इस खेल को 'स्टोक मैंडविल गेम्स' कहा जाता था। इस गेम का नाम उनके अस्पताल के नाम पर रखा गया जहां वह पहले काम किया करते थे।

कब हुआ अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक खेलों की शुरुआत

लुडविग गुट्टमन खिलाड़ियों के साथ ( फाइल फोटो सोशल मीडिया) 

बताते चलें कि साल 1960 में पहली बार लुडविग गुट्टमन ने अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक खेलों की शुरुआत की घोषणा की थी। इस खेल को लेकर वह दिव्‍यांग समुदाय को उनका प्रतिभा दिखाने का एक नया मंच दिया। जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। लुडविग गुट्टमन का यह योगदान इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

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