अवध की पूर्व मलिका को 159 साल बाद किसी ने किया याद, कब्र पर चढ़ाए फूल

Update: 2016-05-24 00:39 GMT

पेरिसः अवध की मलिका रहीं किश्वर बेगम को उनकी मौत के 159 साल बाद श्रद्धांजलि मिल सकी। उनके बेटे नवाब वाजिद अली शाह का अवध राज्य हड़पकर जब उन्हें कोलकाता (तब कलकत्ता) निर्वासित कर दिया गया, तो मलिका राजपाट वापस लेने के लिए ब्रिटिश साम्राज्ञी विक्टोरिया के दरबार में गुहार लगाने गई थीं। लौटते वक्त फ्रांस की राजधानी में बेगम किश्वर की मौत हो गई थी।

कौन थीं बेगम किश्वर?

-अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह की मां थीं बेगम किश्वर।

-1856 में अवध का राज्य हड़पे जाने के खिलाफ ब्रिटेन में गुहार लगाने गई थीं।

-लखनऊ से कोलकाता जाने के बाद वहां से मलिका किश्वर लंदन गई थीं।

किस-किससे मिली थीं मलिका?

-जून 1856 में विशेष सलाहकार दुर्गा प्रसाद और दो बेटों के साथ लंदन गई थीं।

-वहां वह ईस्ट इंडिया कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मिली थीं।

-ब्रिटिश संसद में भी अपने बेटे से हुए अन्याय की जानकारी दी थी।

-क्वीन विक्टोरिया से मिलकर अन्याय के बारे में बताया था।

कब हुआ निधन?

-लंदन से लौटते वक्त मलिका किश्वर पेरिस में बीमार पड़ीं।

-काफी दिन बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया।

-उनके एक और बेटे सिकंदर हशमत का भी वहीं निमोनिया से निधन हुआ।

किसने दी 159 साल बाद श्रद्धांजलि?

-नवाब के खानदान के अमन खान ने दोनों की कब्रों पर फूल चढ़ाए।

-फ्रांस की सरकार मलिका और बेटे की कब्रों की देखभाल करती रही है।

-इससे पहले नवाब के खानदान का कोई और वहां नहीं गया था।

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