अब नहीं बचेगा आतंकी हाफिज सईद! कोर्ट के सामने रोया, लगाई ये बड़ी गुहार
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत में आतंकी फंडिंग मामले में बयान दर्ज नहीं हो पाया। आतंकी हाफिज सईद के वकील ने अदालत में और समय देने की मांग की है।
नई दिल्ली: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत में आतंकी फंडिंग मामले में बयान दर्ज नहीं हो पाया। अब वह कोर्ट के सामने रोया है। आतंकी हाफिज सईद के वकील ने अदालत में और समय देने की मांग की है।
बता दें कि एक और आतंकी फंडिंग मामले में कोर्ट ने हाफिज को दोषी करार दिया है। हाफिज सईद जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई संगठनों का चीफ है और भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। उसके खिलाफ करीब दो दर्जन आतंकी फंडिंग मामले चल रहे हैं। पहले भी कोर्ट ने उसे आतंकी फंडिंग में दोषी करार दिया है।
आतंकी हाफिस सईद के वकील ने अदालत से जमात-उद-दावा के सरगना को और समय देने का अनुरोध किया है। बंद कमरे में सुनवाई के बाद अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील ने आतंकवाद रोधी अदालत (लाहौर) से आतंकी फंडिंग मामले में सईद के खिलाफ सुनवाई को स्थगित करने की मांग की है।
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अधिकारी के मुताबिक वकील ने कहा कि सईद को अपना बयान दर्ज कराने के लिए और समय की जरूरत है। अदालत ने सईद के वकील के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी।
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शुक्रवार को हुई पिछली सुनवाई में उसके खिलाफ आतंकी फंडिंग के आरोपों के संबंध में सईद को एक प्रश्नावली सौंपी गई थी। आतंकवाद रोधी अदालत ने 11 दिसंबर को सईद और उसके करीबियों को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों में दोषी ठहराया था।
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हाफिज पर अवैध फंडिंग के जरिये कई आतंकी संगठन चलाने का आरोप है। हाफिज सईद और उसका सहयोगी अब्दुल रहमान मक्की के खिलाफ करीब दो दर्जन केस चल रहे हैं। हाफिज सईद और उसके गुर्गों पर एंटी टेररिज्म एक्ट 1997 के तहत आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की ये कार्रवाइयां यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही हैं कि वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्ययोजना का पालन करता है और फरवरी 2020 मे होने वाली समीक्षा के दौरान वह संदिग्ध सूची से बाहर हो जाएगा।