UN में पाकिस्तान ने अलापा कश्मीर, सीएए और राममंदिर का राग, भारत ने लगाई जमकर लताड़

United Nations: भारत ने वैश्विक मंच से कहा कि सदस्य देशों के लिए शांति की सच्ची संस्कृति को बढ़ावा देने और दुनिया को एक एकजुट परिवार के रूप में देखने के लिए सक्रिय होकर मिलकर काम करने की जरुरत है, जैसा कि मेरा देश सच्चा यकीन रखता है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-05-03 08:26 GMT

United Nations (सोशल मीडिया) 

United Nations: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को लताड़ा है। पाकिस्तान को ये लताड़ा भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने पर लगी है। भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज (Ruchira Kamboj) ने महासभा में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) का सभी पहलुओं में "सबसे संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड" है। हम इस चुनौतीपूर्ण वक्त के बीच शांति कायम करने की कोशिश करते हैं, हमारा ध्यान रचनात्मक बातचीत पर रहता है। इस तरह हम एक निश्चित प्रतिनिधिमंडल की टिप्पणियों को दरकिनार करना चुनते हैं, जिनमें न केवल मर्यादा की कमी है, बल्कि उनकी विनाशकारी और हानिकारक रवैये के कारण हमारे सामूहिक प्रयासों में भी बाधा आती है।

इस बात पर पाकिस्तान की लगी लताड़

दरअरल, में पाकिस्तान के दूत मुनीर अकरम की 'शांति की संस्कृति' पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए कश्मीर, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और अयोध्या में राम मंदिर पर चर्चा करते हुए अनाप शनाप बाते कीं। जिस पर राजदूत रुचिरा कंबोज ने महासभा में आयोजित हुई 'शांति की संस्कृति' बैठक में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम उस प्रतिनिधिमंडल को सम्मान और कूटनीति के केंद्रीय सिद्धांतों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, जिन्हें हमेशा हमारी चर्चाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए। क्या यह उस देश के पास पूछने के लिए ज्यादा चीजें हैं, जो अपने आप में सभी पहलुओं पर संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड रखता है। आतंकवाद शांति की संस्कृति और सभी धर्मों की मूल शिक्षाओं के सीधे विरोध में है। यह कलह फैलाता है, दुश्मनी पैदा करता है और दुनिया भर में सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं आगे बढ़ाने वाले सम्मान और सद्भाव के मूल्यों को कमजोर करता है।

दुनिया को भूराजनीतिक तनाव चुनौतियों का कर रही सामना

उन्होंने वैश्विक मंच से कहा कि सदस्य देशों के लिए शांति की सच्ची संस्कृति को बढ़ावा देने और दुनिया को एक एकजुट परिवार के रूप में देखने के लिए सक्रिय होकर मिलकर काम करने की जरुरत है, जैसा कि मेरा देश सच्चा यकीन रखता है। कंबोज ने कहा कि दुनिया को भूराजनीतिक तनाव और असमान विकास से अगम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। धर्म और विश्वास के आधार पर बढ़ती असहिष्णुता, भेदभाव और हिंसा वास्तव में हमारे ध्यान की मांग करती है। चर्चों, मठों, गुरुद्वारों, मस्जिदों, मंदिरों और आराधनालयों सहित पवित्र स्थलों पर बढ़ते हमलों से हम खास तौर से चिंतित हैं। ऐसे मामलों के लिए वैश्विक समुदाय से एकजुट प्रतिक्रिया की सख्त जरूरत है।

धार्मिक और भाषाई विविधता भारत की सांस्कृतिक सहिष्णुता..

भारत की स्थायी राजदूत ने कहा कि अपनी धार्मिक और भाषाई विविधता के साथ भारत की सांस्कृतिक सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का प्रमाण है। भारत में दिवाली, ईद, क्रिसमस और नवरोज जैसे त्यौहार धार्मिक सीमाओं से परे मनाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित अहिंसा का सिद्धांत शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का आधार बना हुआ है। इसके अलावा भारत ने महासभा में 'शांति की संस्कृति पर घोषणा और कार्रवाई के कार्यक्रम का फॉलो-अप' प्रस्ताव पेश करने के लिए बांग्लादेश की भी सराहना की

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