हंगरी में सड़कों के नए नाम: दलाई लामा, फ्री हांगकांग, उइगर शहीद, चीन के जख्मों पर छिड़का नमक

Budapest Streets Renamed: राजधानी बुडापेस्ट के मेयर ने फुडान यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास की सभी महत्वपूर्ण सड़कों (Roads) का नाम बदल दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2021-06-10 20:53 IST
राजधानी में बदले हुए सड़कों के नाम (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Budapest Streets Renamed: हंगरी (Hungary) में चीनी यूनिवर्सिटी (Chinese University) का कैंपस बनाए जाने के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच चुका है। शनिवार को हजारों लोगों ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए संसद भवन (Parliament House) का घेराव किया था। अब राजधानी बुडापेस्ट के मेयर (Budapest Mayor) ने चीन के जख्मों पर और नमक छिड़कने का काम किया है। मेयर ने प्रस्तावित फुडान यूनिवर्सिटी कैंपस (Fudan University Campus) के आसपास की सभी महत्वपूर्ण सड़कों (Roads) का नाम बदल दिया है।

इन सड़कों का नामकरण ऐसा किया गया है जो चीन को और नागवार गुजरने वाला है। प्रस्तावित कैंपस के आसपास की सड़कों का नाम काफी सोच समझ कर रखा गया है। इन सड़कों का नाम दलाई लामा रोड, फ्री हांगकांग रोड, उइगर शहीद रोड और बिशप झी शिगुआंग रोड रखा गया है। सड़कों के इस नामकरण से चीन की दुखती रगों पर हाथ रखा गया है और माना जा रहा है कि मेयर की ओर से उठाए गए इस कदम से चीन का गुस्सा और भड़क जाएगा।

कम्युनिस्ट विचारधारा फैलाने की साजिश

हंगरी के लोग चीन के इस कदम से इसलिए नाराज हैं क्योंकि उनका आरोप है कि इसके जरिए चीन हंगरी में कम्युनिस्ट (Communist) विचारधारा फैलाने की साजिश रच रहा है। चीन की ओर से की गई तैयारियों के मुताबिक विश्वविद्यालय का बुडापेस्ट परिसर (Fudan University Campus)2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

 प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान-राष्ट्रपति शी जिनपिंग (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान (Prime Minister Viktor Orban) ने इस बाबत चीन के साथ समझौता किया है। हंगरी के लोग खुलकर प्रधानमंत्री की ओर से उठाए गए इस कदम का विरोध कर रहे हैं। इस विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों (International Students) को दाखिला देने की योजना है मगर विश्वविद्यालय कैंपस की शुरुआत से पहले ही इसका कड़ा विरोध शुरू हो गया है।

चीन की इसलिए खुशामद कर रही सरकार

हंगरी में इस समय राष्ट्रवादी पार्टी की सरकार है मगर निवेश के लिए सरकार चीन की खुशामद में लगी हुई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने चीन को खुश करने के लिए ही फुडान यूनिवर्सिटी का कैंपस खोलने के लिए मंजूरी दी है। इस कैंपस का निर्माण काफी तेजी से किया जा रहा था मगर लोगों के खुलकर विरोध किए जाने के बाद निर्माण प्रक्रिया पर भी काफी असर पड़ा है।

कैंपस के निर्माण पर भारी-भरकम खर्च

इस कैंपस के निर्माण पर करीब 1.8 अरब डॉलर का भारी-भरकम खर्च किए जाने की योजना है। हंगरी ने पिछले साल शिक्षा पर जितना खर्च किया था, यह रकम उस बजट से भी कई गुना ज्यादा है। लोगों के बढ़ते विरोध के कारण हंगरी की सरकार भी मुश्किल में फंस गई है और उसे इस कैंपस के निर्माण को लेकर अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है।

प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हंगरी में पीएम के खिलाफ भड़का गुस्सा

हंगरी के लोग इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान (Prime Minister Viktor Orban) के खिलाफ भी जमकर गुस्से का इजहार कर रहे हैं। शनिवार को हजारों लोगों ने इस मुद्दे को लेकर मार्च निकाला था और संसद भवन का घेराव किया था।

लोगों का आरोप है कि प्रधानमंत्री की ओर से उठाए गए इस कदम से हंगरी में शिक्षा के स्तर में गिरावट आएगी और कम्युनिस्ट विचारधारा देश में प्रभावी हो जाएगी। लोगों का आरोप है कि चीन इस कैंपस के निर्माण के जरिए बड़ी साजिश रच रहा है और इस साजिश को किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

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