चीन का प्रोपेगेंडा शुरू: इन देशों की सेना की दी धमकी, कहा- घिर चुका है भारत

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद और बढ़ गया है। वहीं अब चीनी मीडिया ने भारतीय सीमा पर इस विवाद के पीछे अमेरिका का हाथ बताया है।

Update:2020-06-18 10:34 IST

बीजिंग: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद और बढ़ गया है। वहीं अब चीनी मीडिया ने भारतीय सीमा पर इस विवाद के पीछे अमेरिका का हाथ बताया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Global Times) का कहना है कि भारत का इस समय चीन, पाकिस्तान और नेपाल के साथ विवाद है। अगर भारत ने सीमा पर तनाव बढ़ाया तो उसे दो या तीन मोर्चों से सैन्य दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

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तीन मोर्चों से झेलना पड़ सकता है सैन्य दबाव

अखबार ने लिखा है कि एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा समय में भारत का चीन, पाकिस्तान और नेपाल के साथ विवाद चल रहा है। ऐसे में अगर भारत की तरफ से तनाव बढ़ाया जाता है तो उसे दो या तीन मोर्चों से सैन्य दबाव का सामना करना पड़ सकता है। और अगर ऐसा हुआ तो भारत की विनाशकारी हार होगी। ऐसे में स्थिति आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। अखबार ने धमकी भरे लहजे में ये भी कहा है कि भारत ने अगर अपनी सेना को सीमा पर काबू में नहीं रखा तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

चीन ने अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार

वहीं ग्लोबल टाइम्स ने LAC पर तनाव को लेकर अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। अखबार का कहना है कि भारत के सीमा पर इस विवाद के पीछे यूएस का हाथ है। ग्लोबल टाइम्स ने इसके लिए अमेरिका के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें अमेरिका की तरफ से इस पूरे मामले में नजर बनाए रखने को लेकर कहा गया है।

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ग्लोबल टाइम्स ने शेयर किए कई प्रोपेगेंडा वीडियो

इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स ने कई प्रोपेगेंडा वीडियो भी शेयर कर रहा है, जिसमें चीनी सेना अभ्यास करती हुई नजर आ रही हैं। अखबार का कहना है कि पीएलए 81 सेना समूह की एक टुकड़ी की ओर से संयुक्त अभ्यास शुरू किया गया है। अखबार ने अभ्यास के पीछे का मकसद नए उपकरणों का परीक्षण करना और हर एक टीम के बीच सहयोग को बढ़ावा देना बताया है।

चीन ने अब जारी नहीं किए मारे गए सैनिकों के आंकड़ें

हालांकि चीन की हालत बेहद खराब है। अभी तक चीन ने हिंसक झड़प में मरने वाले सैनिकों की संख्या भी जारी नहीं किया है। क्योंकि चीन अपनी तरफ हुए नुकसान को दुनिया से छिपाना चाहता है। हालांकि कहा जा रहा है कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। चीन को ये हिंसक झड़प बेहद महंगी पड़ी है।

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