OIC: जम्मू कश्मीर पर ओआईसी के बयान पर भारत का पलटवार, कहा – पाकिस्तान का है अवैध कब्जा

OIC: भारत ने ओआईसी पर प्रहार करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के मुखौटे के तौर पर काम कर रहा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-05 14:23 IST

ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा (photo: social media ) 

OIC: इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के जम्मू कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर भारत ने जोरदार पलटवार किया है। मानवाधिकार परिषद के एक सत्र में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पूरा जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। भारत ने ओआईसी पर प्रहार करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के मुखौटे के तौर पर काम कर रहा है।

इससे पहले भी भारत ओआईसी को आड़े हाथों ले चुका है। दिसंबर 2022 में संगठन के महासचिव के एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारतीय क्षेत्र पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा

जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र में भारत की ओर से बोलते हुए सीमा पूजानी ने कहा कि हम ओआईसी द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर को लेकर अनुचित संदर्भों में की गई टिप्पणी को खारिज करते हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। सच्चाई ये है कि भारतीय हिस्से पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।

इस्लामी मुल्कों के संगठन आईओसी पर निशाना साधते हुए पूजानी ने कहा कि वह भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और नापाक एजेंडे को पूरा करने वाला मंच बन चुका है। ओआईसी अब पाकिस्तान का प्यादा बन चुका है। आईओसी पाकिस्तान को आतंकवाद को छोड़ने और कश्मीर पर किए गए अवैध कब्जे को छोड़ने के लिए कहने की बजाय उसके द्वारा चलाए जा रहे प्रोपेगेंडा में शामिल है। सीमा पूजानी संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पूजानी है।

ओआईसी के किस बयान पर भड़का है भारत ?

ओआईसी महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने पिछले साल दिसंबर में पाक प्रशासित कश्मीर यानी पीओके का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए आईओसी एक खाका तैयार कर रहा है। कश्मीर मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत जरूरी है। इसके लिए हम पाकिस्तान और अन्य देशो के साथ मिलकर एक योजना बना रहे हैं।

ताहा के इस बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने तब बेहद सख्त टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि आईओसी पहले ही अपने घोर सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और गलत स्टैंड के कारण अपनी विश्ववसनीयता खो चुका है। ये दुर्भाग्य है कि संगठन का महासचिव भी अब पाकिस्तान का प्यादा बन चुका है।

बता दें कि आईओसी का पूरा नाम इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ कॉऑपरेशन है। इसमें दुनिया के 57 मुस्लिम देश शामिल हैं। हालांकि, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश होने के नाते भारत की भी दावेदारी को लेकर समय-समय पर खबरें आती रहती हैं। लेकिन जब कभी भी ऐसी बातें होती है, पाकिस्तान इसे रोकने में अपना पूरा जोर लगा देता है। आईओसी का मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में है। इस संगठन पर सऊदी और उनके मित्र इस्लामी देशों का दबदबा है।

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