Bangladesh: 24 घंटे के अंदर अपने बयान से पटला इस्कॉन... बोला-हम संत चिन्मय दास के साथ

Bangladesh News: इससे पहले इस्कॉन ने चिन्मय दास को ही अपना बताने से इन्कार कर दिया था। इस्कॉन के इस रूख पर लोगों ने जमकर उसकी आलोचना करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। लेकिन अब खुद इस्कॉन ने आगे आकर इस पर सफाई दी है।

Report :  Network
Update:2024-11-29 14:28 IST

Bangladesh News Sant Chinmoy Das (Pic:Social Media) 

Sant Chinmoy Das: बांग्लादेश में संत चिन्मय दास को देशद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार करने के बाद से भारत में इसको लेकर विरोध जताया जा रहा है। वहीं भारत ने भी इस पर नाराजगी जताई। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की थी। वहीं इस बीच इस्कॉन ने 24 घंटे के अंदर ही अपने बयान पर पलटी मार ली है। अब इस्कान चिन्मय दास के साथ एकजुटता दिखाने की बात कह रहा है। इससे पहले इस्कॉन ने चिन्मय दास को ही अपना बताने से इन्कार कर दिया था। इस्कॉन के इस रूख पर लोगों ने जमकर उसकी आलोचना करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। लेकिन अब खुद इस्कॉन ने आगे आकर इस पर सफाई दी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समूह ने अब कहा है कि इस्कॉन हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण आह्वान करने के लिए चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन करने से खुद को अलग नहीं किया है और न ही वह ऐसा करेगा।

इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को अनुशासन भंग के कारण संगठन के सभी पदों से हटा दिया गया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु संगठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन इस्कॉन ने उनसे दूरी बनाने का प्रयास नहीं किया गया है।

कट्टरपंथी संगठन बना रहे निशाना

इस्कॉन बांग्लादेश के प्रमुख चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा कि इस्कॉन को बांग्लादेश देश में प्रताड़ित हिंदू समुदाय को एकजुट करने और जबरन धर्मांतरण का विरोध करने के उसके प्रयासों के चलते कट्टरपंथियों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यही नहीं इसके साथ ही इस्कॉन की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बांग्लादेश के हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया। बांग्लादेश की हाईकोर्ट ने संगठन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया है।

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