Israel-Hamas war: मोर्चे पर सबसे आगे लड़ रहीं इजरायल की महिला सैनिक, सौ से ज्यादा आतंकी मार गिराए

Israel-Hamas war: इजरायली सेना ने हाल ही में एक नया पायलट कार्यक्रम पारित किया है, जो महिला लड़ाकू सैनिकों को आईडीएफ में स्पेशल यूनिट्स में सेवा करने की अनुमति देगा।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2023-10-27 19:16 IST

Israel Hamas war Israeli women soldiers fighting (Photo-Social Media)

Israel-Hamas war: इजरायल डिफेन्स फ़ोर्स यानी इजरायली सेना दुनिया की एकमात्र सेनाओं में से एक है जिसमें अनिवार्य सैन्य सेवा के तहत महिलाओं को भी शामिल किया जाता है। 2021 के आंकड़ों के मुताबिक आईडीएफ के लगभग 40 फीसदी सैनिक और लगभग 25 फीसदी अधिकारी महिलाएं हैं। फिलवक्त आईडीएफ में पचास फीसदी महिलाएं हैं। इज़राइल-गाजा युद्ध के बीच 55,900 से अधिक महिलाएं विभिन्न आईडीएफ भूमिकाओं में सेवा कर रही हैं। इजरायली सेना ने हाल ही में एक नया पायलट कार्यक्रम पारित किया है, जो महिला लड़ाकू सैनिकों को आईडीएफ में स्पेशल यूनिट्स में सेवा करने की अनुमति देगा।

गाज़ा पट्टी में दिखाया एक्शन

हमास के साथ चल रहे युद्ध में महिला आईडीएफ लड़ाकू सैनिकों के दस्ते ने लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया है। कराकल यूनिट की एक कमांडर ने बताया है कि दक्षिणी गाजा पट्टी में उनकी बटालियन ने लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया था। उन्होंने बताया कि जैसे ही गाजा सीमा क्षेत्र पर हमला शुरू हुआ, वह तुरंत नाहल रविव में बटालियन मुख्यालय से बख्तरबंद वाहनों के साथ मिस्र की सीमा पर एक चौकी पर चले गईं। उस समय रॉकेटों की बारिश हो रही थी, और श्लोमिट और बेनी नेट्ज़र कस्बों में संभावित आतंकवादी घुसपैठ के बारे में चेतावनियाँ थीं।

इस अराजकता के बीच, उन्हें नाहल ब्रिगेड की गश्ती बटालियन के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन तज़ूर जो बाद में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए, से सन्देश मिला कि सूफ़ा और निरिम के पास घुसपैठ हुई है और वहां कई आतंकवादी हैं जो भारी हथियारों से लैस हैं!

इसके बाद कराकल बटालियन की कमांडर ने अपनी मिश्रित-लिंग पैदल सेना के सैनिकों को बुलाया और अपने इरादे स्पष्ट कर दिए: "हम आतंकवादियों को खत्म करने के लिए बाहर जा रहे हैं। इज़राइल में घुसपैठ हो रही है, और यह फैल रहा है। सतर्क रहें। हम बाधाएं पार कर सकते हैं। हम एक मजबूत दस्ता हैं।" बटालियन के सैनिक आगे बढ़े और सूफा पहुंचने पर उन्हें रिपोर्ट मिली जिसमें संकेत दिया गया था कि आतंकवादी कम से कम तीन घायलों के साथ अंदर थे।

चारों कोनों से घेराबंदी करके सैनिक बेस के पास पहुँचकर उन्होंने कम से कम सात आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि की। जब सैनिक तटबंध से और भी ऊपर चढ़ना शुरू कर रहे थे तभी अचानक लगभग 50 आतंकवादियों और स्नाइपर्स का एक काफिला तेजी से इन 12 सैनिकों की ओर बढ़ा। सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और कई आतंकवादियों का सफाया कर दिया जबकि अन्य तितर-बितर हो गये।

इसके बाद बटालियन के सैनिकों ने आसपास छिपे आतंकवादियों से लोहा लिया जिससे तमाम आतंकवादियों का सफाया हो गया और अन्य पीछे हट गए। बटालियन के कई सैनिक भी घायल होने के बावजूद डटे रहे। घंटों की गहन लड़ाई के बाद नौसेना की स्पेशल यूनिट आतंकवादियों के अड्डे को खाली करने के लिए पहुँची। उनकी सहायता के लिए ड्रोन लॉन्च किए गए। गोलीबारी जारी रही और घायल सैनिकों को निकाला गया। वे बेस पर कुल 14 घंटे तक रहे जब तक कि यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो गया।

इस महिला कमांडर ने बताया कि कुल मिलाकर, उनकी बटालियन ने लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने कहा, युद्ध के मैदान पर उनके प्रशिक्षण और प्रदर्शन ने किसी भी संदेह को मिटा दिया है। वे बहादुरी से लड़ीं, लोगों की जान बचाई और नायक बनकर उभरीं। उन्होंने कहा - "महिला लड़ाकू सैनिकों के बारे में अब कोई संदेह नहीं है, जिन्होंने आतंकवादियों के साथ हर मुठभेड़ में जीत हासिल की है। वर्तमान में, हम 11 शहरों के लिए जिम्मेदार हैं और दक्षिणी गाजा सीमा क्षेत्र और मिस्र की सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किसी भी संभावित जमीनी युद्धाभ्यास की तैयारी कर रहे हैं।" 

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