जो बाइडेन नहीं लड़ेंगे अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, डोनाल्ड ट्रंप के सामने कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया
US Presidential Election 2024: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई डेमोक्रेटिक सांसदों की ओर से दी गई सलाह के बाद बाइडेन ने यह बड़ा फैसला किया है।
US Presidential Election 2024: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी से पीछे हटने का ऐलान कर दिया है। सोशल मीडिया पर अमेरिकी लोगों के नाम लेटर जारी करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने यह बड़ा ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उम्मीदवारी के समर्थन का भी ऐलान किया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत कई डेमोक्रेटिक सांसदों की ओर से दी गई सलाह के बाद बाइडेन ने यह बड़ा फैसला किया है।
बाइडेन के इस फैसले के बाद अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में दिलचस्प मोड़ आ गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि बाइडेन की जगह डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा। दूसरी ओर रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपने कैंपेन में जुटे हुए हैं और हाल में हुए जानलेवा हमले के बाद उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
दबाव बढ़ने के बाद बाइडेन ने लिया फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने रविवार देर रात सोशल मीडिया पर एक लेटर जारी करते हुए घोषणा की कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी वापस ले रहे हैं। पिछले कुछ समय से बाइडेन पर उम्मीदवारी वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। बाइडेन की ओर से लगातार अपनी उम्मीदवारी बरकरार रखने और खुद के स्वस्थ होने का दावा किया जा रहा था।
वैसे रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के सामने डिबेट में वे पिछड़ते हुए दिखे थे। चर्चा के दौरान उनका सोते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था जिससे बाइडेन की काफी किरकिरी हुई थी। इसके बाद पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत डेमोक्रेटिक पार्टी के कई नेताओं ने कहा था कि बाइडेन को राष्ट्रपति पद की दौड़ से अलग हो जाना चाहिए।
उम्र और कार्यक्षमता को लेकर भी उठे थे सवाल
81 वर्षीय बाइडेन की उम्र और कार्यक्षमता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे थे। बाइडेन सेहत संबंधी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के कई सांसदों ने तो यहां तक कह दिया था कि बाइडेन के चुनाव लड़ने की स्थिति में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि इन्हीं सब कारणों से बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने का ऐलान किया है।
कमला हैरिस को समर्थन देने का ऐलान
बाइडेन ने अपना यह फैसला सुनाते हुए एक भावुक चिट्ठी भी लिखी है जिसमें उन्होंने अमेरिकी जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के सभी बड़े फैसलों के बारे में विस्तार से बताया है और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को काफी मजबूत बनाने का दावा भी किया है। उन्होंने लिखा,मैंने नामांकन स्वीकार न करने और अपने कार्यकाल के शेष समय में राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।
2020 में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में मेरा पहला निर्णय कमला हैरिस को अपना उपराष्ट्रपति चुनना था और यह मेरा अब तक का सबसे अच्छा निर्णय रहा है। आज मैं कमला को इस वर्ष हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूर्ण समर्थन देना चाहता हूं। अब एक साथ आने और ट्रम्प को हराने का समय आ गया है।
बाइडेन ने कहा कि वे इस सप्ताह राष्ट्र को संबोधित करेंगे और जनवरी 2025 में अपना कार्यकाल समाप्त होने तक राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
ट्रंप ने बाइडेन को सबसे खराब राष्ट्रपति बताया
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद का आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप काफी आत्मविश्वास से भारे दिख रहे हैं। बाइडेन की घोषणा के बाद ट्रंप ने उन्हें अमेरिका का सबसे खराब राष्ट्रपति बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी बनती हैं तो उन्हें हराने में मुझे ज्यादा सुविधा होगी।
ट्रंप के खिलाफ जंग नहीं होगी आसान
अमेरिका के सियासी जानकारों का मानना है कि हाल में हुए जानलेवा हमले के बाद राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की स्थिति और मजबूत हो गई है। उन्हें अमेरिकी लोगों की सहानुभूति का लाभ भी मिल सकता है। यही कारण है कि डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से ट्रंप विरोधी कैंपेन हटा लिए गए हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है कि ट्रंप का मुकाबला किस उम्मीदवार से होता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के लिए सबसे बड़े मुश्किल यह होगी कि उसे अपने कैंपेन के लिए करीब तीन महीने का ही वक्त मिलेगा। ऐसे में नए उम्मीदवार के लिए ट्रंप की मजबूत चुनौती का सामना करना आसान नहीं होगा।