Shehbaz Sharif Wiki: जानें पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बारे में, कैसे पहुंचे कुर्सी तक
Shehbaz Sharif Biography: पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शहबाज शरीफ को चुन लिया गया है।
Shehbaz Sharif Biography: पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की विदाई हो गई है। अब देश की सत्ता पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (Pakistan Muslim League-N) अध्यक्ष शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के हाथों में होगी। पाकिस्तानी संसद में मतदान के दौरान पीएम चुने जाने के बाद सोमवार रात 8 बजे ही शहबाज का शपथग्रहण भी होगा। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
शाहबाज शरीफ का परिवार (Shehbaz Sharif Family)
पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ 23 सितंबर 1951 को लाहौर में पैदा हुए थे। बंटवारे से पहले उनका परिवार अमृतसर में रहता था। शाहबाज के कारोबारी पिता मुहम्मद शरीफ का के सिलसिले में कश्मीर के अनंतनाग आया-जाया करते थे। लेकिन 1947 में बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ पाकिस्तान के लाहौर में आकर बस गए। शाहबाज की मां पुलवामा से ताल्लुक रखती थीं। शाहबाज के दो बड़े भाई अब्बास शरीफ और नवाज शरीफ हैं। जिनमें से नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। यानी नवाज शरीफ के बाद शरीफ खानदान के दूसरे शख्स हैं जो इस पद पर आसीन होंगे।
शाहबाज शरीफ का लाहौर में पले बढ़े और वहीं की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद वो अपना फैमिली बिजनेस संभालने लगे। 1973 में शाहबाज ने अपनी कजिन से शादी कर ली। दोनों के चार बच्चे हैं। इसके बाद साल 2003 में उन्होंने दूसरी शादी रचाई।
राजनीतिक करियर (Shehbaz Sharif Political Career)
बता दें कि शहबाज शरीफ 3 अगस्त 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य और विपक्ष के नेता हैं। इससे पहले वह तीन बार पाकिस्तान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
शाहबाज ने अपना राजनीतिक करियर 80 के दशक शुरू किया था। उन्होंने साल 1988 में पंजाब प्रांत लाहौर विधानसभा से अपना पहला चुनाव जीता था। इसके बाद दो साल बाद 1990 में विधानसभा भंग हो गई। इसके बाद उन्होंने 1990 में पंजाब प्रांत से जीत हासिल की। इसी साल नेशनल असेंबली के चुनाव में भी सफलता हाथ लगी। ऐसे में उन्होंने नेशनल असेंबली को चुना, लेकिन 1993 में नेशनल असेंबली भंग हो गई और उनकी सदस्यता चली गई। 1993 में उन्होंने फिर लाहौर विधानसभा और नेशनल असेंबली का चुनाव जीता, लेकिन नेशनल असेंबली की सीट छोड़ दी।
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले शाहबाज शरीफ साल 2018 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (Pakistan Muslim League-N) की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। लेकिन इस आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई को जीत हासिल हुई और शाहबाज विपक्ष के नेता बन गए।
विवाद (Shehbaz Sharif Controversy)
शाहबाज शरीफ का विवादों से भी नाता रहा है। अभी दो साल पहले ही उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, उनके ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की है। इस केस में अप्रैल 2021 में लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। अभी भी ये केस जारी है।
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