भारतीयों को तगड़ा झटका: नहीं मिलेगा आसानी से वीजा, लागू हुआ नया कानून

कुवैत में एक नया वीजा कानून लागू किया गया है। इसका मसौदा देश की राष्ट्रीय सभा ने तैयार किया है, इससे देश में प्रवासी कामगारों की संख्या को सीमित किया जायेगा।

Update: 2020-08-26 13:42 GMT
Kuwait new expat bill force 8 lakh Indians to leave country

नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच दुनिया के तमाम देशों पर बुरा असर पड़ा। एक देश से दूसरे देश के बीच आवागमन ठप्प हुआ तो वहीं विश्वभर के देशों को आर्थिक संकट भी झेलना पड़ा। इन सब के बीच अब कुवैत ने बड़ा फैसला लिया है। कुवैत ने एक नया कानून लागू किया है, जिसके तहत कुछ ख़ास वीजा की मान्यता रद्द कर दी जायेगी। कुवैत के इस कदम से आठ लाख भारतीयों पर असर पड़ेगा। बता दें कि कुवैत ने ये कदम देश में बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए उठाया है।

कुवैत में नया वीजा कानून लागू:

कोरोना काल में कुवैत में एक नया वीजा कानून लागू किया गया है। इसका मसौदा देश की राष्ट्रीय सभा ने तैयार किया है, इससे देश में प्रवासी कामगारों की संख्या को सीमित किया जायेगा। कहा जा रहे कि अगले छह कानून लागू कर दिया जायेगा। नए कानून के तहत कुछ खास वीजा की मान्यता रद्द करने का भी प्रस्ताव है।

यात्रा वीजा को वर्क वीजा में बदलने पर रोक

दरअसल, कुवैत के इस कानून में अलग अलग श्रेणियों में कोटा सिस्टम पर छूट दी जाएगी। यह छूट घरों में काम करने वालों, मेडिकल स्टाफ, शिक्षक और जीसीसी के नागरिकों को मिलेगी। इस कानून का सबसे बड़ा फेरबदल ये होगा कि यात्रा वीजा को वर्क वीजा में तब्दील करने की सुविधा नहीं मिलेगी। यानी यात्रा वीजा को वर्क वीजा में बदलने पर पूरी तरिके से रोक लगा दी गयी है।

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प्रवासियों की संख्या कम करने के लिए देश का फैसला

बता दें कि कुवैत में बेरोजगारी को कम करने के लिए दूसरे देशों के कामगारों की संख्या को कम किया जाने का प्रयास है। प्रवासियों की संख्या कम करने के लिए देश में कई स्तरों पर काम हो रहा है। इसके पहले पहले कुवैत ने बिना यूनिवर्सिटी की डिग्री के 60 साल से ऊपर के उम्र वालों को वर्क वीजा न देने का एलान किया था।

आठ लाख भारतियों को लगा झटका

गौरतलब है कि कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय वर्क वीजा पर जाते हैं। देश के इस कानून के लागु होने होने के बाद भारत के आठ लाख लोगों पर इसका असर पड़ेगा। वहीं भारत के अलावा पाकिस्तान, फिलीपींस, बांग्लादेश, श्रीलंका और मिस्र के लोग भी कुवैत में काम के सिलसिले में आते हैं।

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