Maldives: भारत विरोधी नीति को लेकर बुरे फंसे मुइज्जू, मालदीव के विपक्षी दलों ने विदेश नीति पर उठाए सवाल, लगाई कड़ी फटकार
Maldives: राष्ट्रपति बनने के बाद चीन समर्थक मुइज्जू लगातार भारत विरोध की नीति पर चल रहे हैं। इसे लेकर देश के विपक्षी दलों ने मुइज्जू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपनी भारत विरोधी नीतियों को लेकर लगातार अपने देश में ही घिरते जा रहे हैं। अपने चुनाव अभियान के दौरान मुइज्जू ने भारत विरोध को अपना बड़ा हथियार बनाया था। राष्ट्रपति बनने के बाद चीन समर्थक मुइज्जू लगातार भारत विरोध की नीति पर चल रहे हैं। इसे लेकर देश के विपक्षी दलों ने मुइज्जू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मालदीव के दो प्रमुख विपक्षी दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रेट्स ने मालदीव सरकार के भारत विरोधी रुख को लेकर चिंता जताने के साथ ही मुइज्जू सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई है। दोनों दलों ने भारत को मालदीव का सबसे पुराना विश्वसनीय सहयोगी बताया है और सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं।
भारत विरोधी नीति पर चल रहे हैं मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है और उन पर चीन के इशारे पर काम करने का आरोप लगता रहा है। मुइज्जू ने हाल में चीन की यात्रा भी की थी। मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद चीन के साथ देश में पहला बंदरगाह बनाने का समझौता किया गया है। मालदीव के मंत्रियों की ओर से हाल में भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं।
दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में तनाव बढ़ा हुआ दिख रहा है और मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को मालदीव से वापस बुलाने को कहा है।
विपक्षी दलों ने भारत को बताया सबसे पुराना सहयोगी
ऐसे माहौल में देश के दो प्रमुख विपक्षी दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने भारत विरोध की नीति पर सवाल उठाते हुए मुइज्जू पर हमला बोला है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दोनों दलों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए भारत को सबसे पुराना सहयोगी बताया और मुइज्जू के भारत विरोधी रुख पर चिंता जताई।
दोनों विपक्षी दलों ने मालदीव सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की नीतियों से साफ है कि मालदीव भारत विरोधी रख अपना रहा है। दोनों दलों ने कहा कि किसी भी विकास के भागीदार और विशेष रूप से देश के सबसे पुराने सहयोगी को अलग करना देश के दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक है।
मालदीव सरकार की नीति पर जताई चिंता
MDP के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल, संसद के उपाध्यक्ष अहमद सलीम समेत डेमोक्रेट पार्टी के अध्यक्ष हसन लतीफ और संसदीय समूह के नेता सांसद अली अजीम के साथ मिलकर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मालदीव सरकार के रवैए पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि सरकार को मालदीव के लोगों के लाभ के लिए विकास के सभी भागीदारों के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए। मालदीव पारंपरिक रूप से इसी नीति पर चलता रहा है मगर अब सरकार की नीतियां बदली हुई नजर आ रही हैं। उन्होंने विदेश नीति में पारदर्शिता लाने पर जोर देते हुए शासन से जुड़े हुए मामलों में सहयोग देने का वादा भी किया।
देश के विकास और स्थिरता पर पड़ेगा असर
मालदीप के दोनों विपक्षी दलों ने कहा कि भारत के साथ सहयोग की पुरानी नीति बदलने से देश के विकास और स्थिरता पर काफी असर पड़ेगा। दोनों विपक्षी पार्टियों ने अपने संयुक्त बयान को आधिकारिक वेबसाइटों व सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया गया। इसके अतिरिक्त विपक्ष ने मीडिया को सेंसर करने और प्रेस की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करने के प्रयासों की निंदा की।
दोनों विपक्षी दलों ने कहा कि मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के नजरिए से हिंद महासागर की सुरक्षा काफी जरूरी है। हाल में मालदीव की सरकार ने चीन का साथ अपने देश में बंदरगाह बनाने का समझौता किया है जिसे लेकर भारत और मालदीव के बीच तनाव और बढ़ गया है। विपक्षी दलों ने भारत और मालदीव के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर चिंता जताई है।