Meta Layoff: मेटा ने 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, नई भर्ती पर लगाई रोक
Meta Layoff: फेसबुक की पेरेन्ट कंपनी मेटा ने 11,000 से ज़्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, साथ ही यह भी आदेश जारी कर दिया है कि आने वाले दिनों में नई भर्ती नहीं की जायेगी।
Meta Layoff: फेसबुक की पेरेन्ट कंपनी मेटा ने आज बुधवार 9 नवंबर 2022 को 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। मेटा ने कहा है कि कंपनी के राजस्व में गिरावट के बाद सोशल-मीडिया कंपनी की तरफ से यह कार्रवाई की गयी है।
मेटा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने आज एक ब्लॉग पोस्ट में कहा,''आज मैं मेटा के इतिहास में किए गए कुछ सबसे कठिन बदलावों को साझा कर रहा हूं। मैंने अपनी टीम के आकार को लगभग 13% कम करने और हमारे 11,000 से अधिक प्रतिभाशाली कर्मचारियों को कंपनी से बाहर करने का फैसला लिया है।''
जुकरबर्ग ने कहा,''हमने मेटा के इतिहास में सबसे कठिन बदलाव किए हैं। मैं इन फैसलों के लिए और हम यहां कैसे पहुंचे, इसके लिए जवाबदेही लेना चाहता हूं। मुझे पता है कि यह सभी के लिए कठिन है, और मुझे विशेष रूप से खेद है प्रभावित लोगों के लिए।''
जुकरबर्ग ने कहा कि हम खर्च में कटौती करके Q1 के माध्यम से अपने हायरिंग फ्रीज को बढ़ाकर एक अधिक कुशल कंपनी बनने के लिये अतिरिक्त कदम उठा रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छटनी यह बताती है कि कंपनी की तरफ से बड़े बजट की कटौती की गयी है। सितंबर अंत तक मेटा के पास 87 हजार से अधिक कर्मचारी थे। इस तरह व्यापक स्तर पर नौकरी में कटौती का यह फैसला कंपनी के 18 साल के इतिहास में पहली बार लिया गया है।
मार्क जुकरबर्ग ने अपने ब्लॉग पोस्ट में आगे लिखा,'' यह एक दुखद क्षण है, लेकिन दूसरा कोई रास्ता नहीं है। जो लोग जा रहे हैं, कंपनी में उनके योगदान के लिए फिर से धन्यवाद देना चाहता हूं। आपकी कड़ी मेहनत के बिना हम आज जहां हैं वहां नहीं होते, और मैं आपके योगदान के लिए आभारी हूं।''
उन्होंने कहा,''जो रह रहे हैं, उनके लिए मैं जानता हूं कि यह आपके लिए भी मुश्किल समय है। हम न केवल उन लोगों को अलविदा कह रहे हैं जिनके साथ हमने मिलकर काम किया है, बल्कि आप में से कई लोग भविष्य के बारे में अनिश्चितता भी महसूस कर रहे होंगे। मैं चाहता हूं कि आपको पता चले कि हम अपने भविष्य को मजबूत बनाने के लिए ये निर्णय ले रहे हैं।''
जुकरबर्ग लिखते हैं,''मेरा मानना है कि आज एक कंपनी के रूप में हमें गहराई से कम करके आंका जाता है। अरबों लोग कनेक्ट होने के लिए हमारी सेवाओं का उपयोग करते हैं, और हमारे समुदाय बढ़ते रहते हैं। हमारा मुख्य व्यवसाय आगे की विशाल संभावनाओं के साथ अब तक का सबसे अधिक लाभदायक व्यवसाय है। और हम सामाजिक कनेक्शन और अगले कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म के भविष्य को परिभाषित करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने में अग्रणी हैं। हम ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। मुझे विश्वास है कि अगर हम कुशलता से काम करते हैं, तो हम इस मंदी से पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और अधिक लचीले होंगे।''
जुकरबर्ग ने आगे लिखा,''आने वाले हफ्तों में अपनी प्राथमिकताओं को प्राप्त करने के लिए हम एक सुव्यवस्थित संगठन के रूप में कैसे काम करेंगे, इस बारे में और अधिक जानकारी साझा करेंगे। अभी के लिए, मैं एक बार और कहूंगा कि हमारे मिशन को आगे बढ़ाने के लिए आप लोगो ने जो भी कुछ किया, उसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं।''सोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मिल रही जानकारी के अनुसार निकाले जा रहे कर्मचारियों को 6 सप्ताह का वेतन दिया जायेगा। कंपनी ने कहा कि कर्मचारियों को 6 महीने के लिये स्वास्थ्य सेवा का खर्च भी दिया जायेगा।
बता दें कि मेटा के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक, अल्टीमीटर कैपिटल ने कंपनी की लागत में कटौती की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए जुकरबर्ग को एक पत्र लिखा था।
अल्टीमीटर कैपिटल के ब्रैड गेर्स्टनर ने एक खुले पत्र में कहा था, "मेटा अधिकता की ओर चला गया है - बहुत सारे लोग, बहुत सारे विचार, बहुत कम तात्कालिकता। फोकस और फिटनेस की यह कमी तब अस्पष्ट होती है जब विकास आसान होता है लेकिन विकास धीमा होने पर घातक होता है।"
शेयरधारक ने सुझाव दिया था कि सोशल मीडिया कंपनी को ट्रैक पर बने रहने के लिए नौकरियों में कटौती करनी होगी और पूंजीगत व्यय को कम करना होगा। इसके बाद मेटा का तीसरी तिमाही का कमजोर प्रदर्शन रहा, जहां कंपनी ने कुल लागत में पांचवीं की वृद्धि देखी।
मेटा का यह फैसला ऐसे ऐसे समय में आया है जब कंपनी मौजूदा आर्थिक मंदी से जूझ रही है। Amazon, Google, Microsoft जैसी अन्य कंपनियों ने भी हायरिंग पर रोक लगाने की घोषणा की है। जबकि, ट्विटर ने भी पिछले हफ्ते अपने स्वामित्व में बदलाव के कारण बड़े पैमाने पर छंटनी देखी।
ट्विटर ने निकाले थे 7500 कर्मचारी
गौरतलब है कि इसी माह 4 नवंबर को ट्विटर ने अपने 7500 कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा। जिसमें से भारत के करीब 180 कर्मचारी शामिल थे। एक सप्ताह के भीतर दोनों सोशल मीडिया कंपनी ने 18500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।