करोड़ों का टॉयलेट: नासा ने बनाया ये खास चीज, लग गए छह महीने

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक टॉयलेट को बनाया है, जिसकी कीमत 23 मिलियन डॉलर यानी 174 करोड़ रुपये के आसपास है।

Update: 2020-06-23 12:49 GMT

वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक टॉयलेट को बनाया है, जिसकी कीमत 23 मिलियन डॉलर यानी 174 करोड़ रुपये के आसपास है। चूंकि नासा कई दशकों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पुराने तकनीक के टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहा था, इसलिए उसने एक नया टॉयलेट बनाया है। स्पेस स्टेशन पर लगाया जाने वाला यह टॉयलेट बेहद खास है। इसे नासा ने छह साल के रिसर्च के बाद बनाया है।

क्या है इस टॉयलेट में खास

अब आप सोच रहे हैं कि आखिर इस टॉयलेट में ऐसा क्या है, जो इसकी कीमत करोड़ों में है। तो चलिए आपको बताते हैं इस खास टॉयलेट के बारे में-

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महिलाओं के हिसाब से बनाया गया ये टॉयलेट

बीते कुछ सालों में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर महिलाओं का आना-जाना काफी बढ़ गया है। और ISS पर लगा यह टॉयलेट महिलाओं के हिसाब से नहीं था, जिस वजह से दिक्कत आ रही थी। इसलिए नासा ने छह सालों के रिसर्च के बाद बनाया है। इस टॉयलेट का पुरुष और महिलाएं दोनों इस्तेमाल कर सकेंगे।

इस बात का रखा गया खास ध्यान

अभी तक स्पेस स्टेशन पर लगा टॉयलेट पुरुषों के हिसाब से बनाया गया था। लेकिन अब इस नए टॉयलेट को महिला और पुरुष दोनों यूज कर सकेंगे। नासा ने स्पेस स्टेशन पर महिला अंतरिक्ष यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इस नए टॉयलेट को बनाया है। ताकि जो भी महिला Astronauts यहां आने वाले समय में आएं उन्हें मिशन में दिक्कत ना हो।

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यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम

नासा की तरफ से महिलाओं के लिए इस टॉयलेट को यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम नाम दिया गया है। अभी तक जो टॉयलेट यूज किया जाता था, उसका नाम माइक्रोग्रैविटी टॉयलेट था। इस नए टॉयलेट को 174 करोड़ रुपये की लागत से छह सालों में तैयार किया गया है। नासा इस टॉयलेट को सितंबर में स्पेस स्टेशन भेजेगा।

नए टॉयलेट में होगा फनल-फंक्शन सिस्टम

नासा की तरफ से बनाए गए इस नए टॉयलेट में फनल-फंक्शन सिस्टम होगा। जिससे Astronauts टॉयलेट का इस्तेमाल अच्छे से कर सकें। इससे पहले जो टॉयलेट था वो मल को खींचकर उसे रिसाइकल कर देता था। नया टॉयलेट पुराने के मुकाबले कम जगह भी लेगा। साथ ही इसका वजन कम होने का भी दावा है। इसमें यूरिन ट्रीटमेंट की सुविधा है। इसका यूज करना आसान होगा। इस नए टॉयलेट में Astronauts के पैर फंसाने के लिए जगह भी बनी है।

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2024 में नासा अपने मून मिशन में भी इसी टॉयलेट का करेगा इस्तेमाल

इस नए टॉयलेट में पेशाब और मल दोनों आसानी से अलग-अलग हो जाएंगे और उनकी रिसाइक्लिंग भी अलग-अलग होगी। जानकारी के मुताबिक, इस नए टॉयलेट को स्पेस स्टेशन के बाद उस रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट में भी भेजा जा सकता है, जिसे 2024 में नासा अपने मून मिशन में भेजेगा। इस मून मिशन का नाम है अर्टेमिस मिशन।

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