Nirav Modi News: भगोड़े नीरव मोदी को US में भी झटका, अमेरिकी कोर्ट ने 'फ्रॉड' मानते हुए आरोप हटाने से किया इनकार
भारतीय हीरा कारोबारी और भगोड़े नीरव मोदी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से तीन कंपनियों के ट्रस्टी ने मोदी पर फर्जीवाड़े के आरोप लगाए थे।
Nirav Modi News: भगोड़े भारतीय हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Hira Karobari Nirav Modi) को अमेरिका (America) की एक कोर्ट से भी जोरदार झटका लगा है। दरअसल, न्यूयॉर्क (New York) की एक अदालत ने भगोड़े नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी से संबंधित आरोप रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट में आरोपियों की तरफ से दायर याचिका में मांग की गई थी कि उनके खिलाफ लगे फर्जीवाड़े के आरोप खारिज कर दिए जाएं।
बता दें कि भारतीय हीरा कारोबारी और भगोड़े नीरव मोदी (bhagode nirav modi) द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से तीन कंपनियों के ट्रस्टी ने मोदी पर फर्जीवाड़े (Fraud Allegations Nirav Modi) के आरोप लगाए थे। नीरव मोदी पर यह आरोप न्यूयॉर्क की एक कोर्ट में रिचर्ड लेवी ने लगाए थे। फायर स्टार डायमंड, फेंटेसी इंक और ए जैफे जैसी तीन कंपनियों का ट्रस्टी रिचर्ड लेविन को बनाया गया था। पहले इन तीन कंपनियों का मालिकाना हक नीरव मोदी के ही पास था।
कोर्ट ने ठुकराई याचिका (Rejects Nirav Modi Plea)
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए भारतीय मूल के अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने बताया कि 'कोर्ट के न्यायाधीश लेन ने अपने स्पष्ट फैसले में अभियुक्त नीरव मोदी (Nirav Modi Ki Taza Khbar), मेहर भंसाली और अजय गांधी की अमेरिकी ट्रस्टी सी. रिचर्ड लेविन की संशोधित शिकायत खारिज करने के अनुरोध वाली याचिका ठुकरा दी है।'
नीरव ने यहां ऐसे किया खेल (Nirav Modi ka fraud case kya hai)
कोर्ट के 60 पन्नों के आदेश के बारे में रवि बत्रा ने विस्तार से जानकारी दी। रवि ने बताया कि नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) तथा अन्य से एक अरब डॉलर की धोखाधड़ी की योजना बनाई। उसके बाद कंपनी के शेयर मूल्य को गलत तरीके से बढ़ाने के लिए अतिरिक्त बिक्री के तौर पर मुनाफा वापस अपनी कंपनी में लगाया। बत्रा ने आगे कहा, 'लेकिन बैंक धोखाधड़ी द्वारा अपनी कंपनियों से गलत तरीके से प्राप्त धन को हासिल करने, अपने निजी फायदे के लिए धन की निकासी छिपाने के लिए एक और धोखाधड़ी में शामिल हो गया। उनका कहना है कि नीरव और उसके साथियों ने इसे इस तरह दिखाया जैसे ये सामान्य व्यापारिक लेन-देन हो।
जुर्माने की मांग
अदालत के आदेशानुसार, रिचर्ड लेविन की याचिका में नीरव मोदी के छह साल की अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन की साजिश के परिणामस्वरूप कर्जदारों और उनकी संपत्ति को मोदी तथा उसके साथियों से पहुंचे नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति करने का अनुरोध किया गया है। रिचर्ड लेविन ने नीरव मोदी को कर्ज देने वाले संस्थानों को हुए नुकसान के लिए कम से कम 15 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने की मांग की थी। नीरव मोदी तथा उसके सहयोगी मेहर भंसाली और अजय गांधी से यह जुर्माना वसूलने की मांग की गई है। बता दें कि न्यूयॉर्क बैंकरप्सी कोर्ट साउथ डिस्ट्रिक्ट जज सीन.एच. लेन ने बीते शुक्रवार को यह आदेश जारी किया था।
भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के लिए न्यूयॉर्क कोर्ट का यह आदेश बड़ा झटका माना जा रहा है। नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है। वह भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। उस पर भारतीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब 14,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने और घोटाले का आरोप है।
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