मिस्र : वैसे तो पूरी दुनिया में लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं मगर मिस्र में यह समस्या कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गयी है। अभी तक दुनिया के किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष ने मोटापे की समस्या को लेकर कभी कुछ नहीं कहा मगर मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सीसी इस मामले में एक फरमान जारी सबको हैरत में डाल दिया। मिस्र में सेना के जनरल से राष्ट्रपति बने अब्दुल फतेह-अल सीसी चुस्त-दुरुस्त रहने के पक्षधर हैं और देश में बढ़ रही मोटापे की समस्या को सुलझाना चाहते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इसी कारण यह फरमान जारी किया है।
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राष्ट्रपति का कहना है कि वे जब भी देश की सड़कों पर निकलते हैं तो उन्हें मोटापे के शिकार लोग बहुतायत में दिखते हैं। देश के लोगों को अपने खान-पान और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए और मोटापा कम करने का प्रयास करना चाहिए। इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन्होंने टीवी चैनलों से भी कहा कि ऐसे न्यूज एंकरों, प्रेजेंटरों और लोगों को अपने प्रोग्राम में शामिल न करें जो मोटापे के शिकार हैं। अब्दुल फतेह का मानना है कि शारीरिक शिक्षा को स्कूल और यूनिवर्सिटीज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि लोगों को खान-पान और लाइफस्टाइल के बारे में शुरू से ही सचेत किया जा सके। ऐसा करने पर लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति खुद सचेत होंगे और देश को मोटापे की समस्या से निजात दिलाई जा सकती है।
साइकिल से पहुंचे नेशनल मिलिट्री अकादमी
राष्ट्रपति स्वास्थ्य को लेकर कितने सजग हैं, इसकी उन्होंने नजीर भी पेश की है। फिटनेस के प्रति सजग राष्ट्रपति यह फरमान जारी करने के अगले ही दिन नेशनल मिलिट्री अकादमी साइकिल से पहुंचे और वहां कैडेट्स से बोले कि उन लोगों की बेसिक ट्रेनिंग तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी जब तक कि वह फिटनेस की बुनियादी जरूरतों को पूरी नहीं करते। राष्ट्रपति के फरमान के बाद पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गयी है। सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई और बहुत से लोग राष्ट्रपति की आलोचना भी कर रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रपति ने मोटापे की समस्या से लडऩे के लिए कोई प्लान नहीं बताया और गरीब मुल्क के लोगों से खुद ही इससे निपटने का आग्रह कर रहे हैं। उन्हें पहले कोई प्लान बनाकर लोगों को इस बाबत बताना चाहिए। उसके बिना अजीबोगरीब फरमान हास्यास्पद है।