Pakistan News: नए ISI चीफ की नियुक्ति पर इमरान व आर्मी चीफ बाजवा में टकराव, सेना प्रमुख के फैसले से पीएम नाराज

Pakistan News: पाकिस्तान की सेना की तरफ से अभी हाल में नए आईएसआई चीफ के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की नियुक्ति की गई है ।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-13 08:05 IST

इमरान खान- कमर जावेद बाजवा-नदीम अहमद अंजुमी (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Pakistan News: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के बीज टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया में भी इमरान और बाजवा के बीच नए आईएसआई चीफ को लेकर तनातनी की स्थिति पैदा होने की खबरें छाई हुई हैं। पाकिस्तान की सेना की तरफ से अभी हाल में नए आईएसआई चीफ के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम की नियुक्ति की गई है ।मगर प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस नियुक्ति से नाखुश बताए जा रहे हैं।

इमरान की नाराजगी के कारण ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक इस महत्वपूर्ण नियुक्ति के संबंध में कोई नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया गया है। इमरान सरकार के कद्दावर मंत्री फवाद चौधरी का कहना है कि आईएसआई चीफ नियुक्त करने का अधिकार प्रधानमंत्री इमरान खान के पास है। फवाद के इस बयान से समझा जा सकता है कि इमरान सरकार बाजवा की ओर से की गई नियुक्ति से खुश नहीं है।

अंजुम की नियुक्ति का नोटिफिकेशन नहीं

पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग की ओर से पिछले सप्ताह लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को नया आईएसआई चीफ बनाए जाने का एलान किया गया था। इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन की ओर से की गई इस घोषणा को कई दिन बीत चुके हैं ।मगर अभी तक इस संबंध में प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी न किया जाना इमरान की नाराजगी का बड़ा संकेत माना जा रहा है। इमरान सरकार ने अभी तक इस मामले में चुप्पी साध रखी है। प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से भी इस बाबत कोई बयान नहीं जारी किया गया है। इसे लेकर पाकिस्तानी मीडिया में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

इमरान खान-नदीम अहमद अंजुमी (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

पीएम के पास नियुक्ति का अधिकार

मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा किया कि इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा के बीच सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। दोनों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे को कमजोर करने वाला कभी कोई कदम नहीं उठाया गया। हालांकि इसके साथ फवाद चौधरी यह दावा करना नहीं भूले कि आईएसआई चीफ की नियुक्ति का अधिकार प्रधानमंत्री के पास ही होता है। प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के तल्ख रिश्ते के संबंध में उन्होंने कोई भी टिप्पणी नहीं की।

सेना प्रमुख से मतभेद से किया इनकार

वैसे उन्होंने इतना जरूर कहा कि नए आईएसआई चीफ के संबंध में जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आदेश जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। दोनों की रजामंदी से ही अंजुम की नियुक्ति की गई है। फवाद चौधरी की ओर से भले ही यह दावा किया जा रहा हो मगर सच्चाई यह है कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के रुख से साफ है कि इमरान सेना प्रमुख की ओर से उठाए गए कदम से खुश नहीं है।

इमरान खान- कमर जावेद बाजवा (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

बाजवा ने जताई हस्तक्षेप पर नाराजगी

जानकारों के मुताबिक अभी तक प्रधानमंत्री सेना प्रमुख की परामर्श करने के बाद इस पद पर नियुक्ति करता रहा है । मगर लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति के मामले में ऐसा नहीं किया गया। सेना प्रमुख बाजवा ने इस मामले में एकतरफा फैसला लेते हुए अंजुम की नियुक्ति की घोषणा कर दी। सेना प्रमुख के इस कदम के कारण ही विवाद पैदा हो गया है। इसे लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और सेना प्रमुख के बीच तनातनी की स्थिति बन गई है।

सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा की बैठक भी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान बाजवा ने सेना के मामलों में सरकार के हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई थी।

इमरान खान और सेना प्रमुख बाजवा (फाइल फोोटो- सोशल मीडिया)

काफी दिनों से चल रही है खींचतान

पाकिस्तान में आईएसआई चीफ का पद काफी महत्वपूर्ण माना जाता है । उसे कई विशेषाधिकार हासिल होते हैं। आईएसआई चीफ के पद को लेकर बाजवा और इमरान में काफी दिनों से खींचतान चल रही है। जानकारों के मुताबिक इमरान चाहते थे कि फैज हामिद को दिसंबर तक आईएसआई चीफ के पद पर बनाए रखा जाए।मगर बाजवा इमरान की इस राय से सहमत नहीं थे। उन्होंने सरकार से साफ कर दिया था कि ऐसा नहीं हो सकता।

उनका कहना था कि हामिद को अधिकतम 15 नवंबर तक ही इस पद पर बनाए रखा जा सकता है। बाजवा की यह भी दलील थी कि फैज हामिद के इमरान की पसंद होने के कारण हमेशा उन्हें इस पद पर नहीं बनाए रखा जा सकता। अब सेना की पसंद माने जा रहे अंजुम की नियुक्ति को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सोमवार की बैठक के दौरान इमरान खान ने सेना की ओर से नियुक्ति की घोषणा पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यह घोषणा प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से की जानी चाहिए थी। जानकारों का कहना है कि हालांकि इमरान इस मुद्दे को लेकर नाराज हैं । मगर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जल्द जारी किया जा सकता है।

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