Pakistan in FATF Grey List: पाकिस्तान को लगा करारा झटका, एफएटीएफ ने लिया बड़ा फैसला
Pakistan in FATF Grey List: पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है।
Pakistan in FATF Grey List: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। पाकिस्तानी मीडिया से खबर आई है कि पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ (FATF) की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। यह फैसला एफएटीएफ (FATF) की एक बैठक के दौरान लिया गया है।
बैठक में एफएटीएफ (FATF) ने फैसला किया है कि पाकिस्तान अभी भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में रहेगा। एफएटीएफ के रिपार्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने अब तक 26 कार्यबिंदुओं को ही पूरा कर सका है, जबकि उसे 27 कार्यबिंदुओं पर काम करना था। बचे हुए एक बिंदु को लागू करने के लिए पाकिस्तान को लगभग 2 से 3 महीने लगेंगे।
लगातार निगरानी में है पाकिस्तान- FATF अध्यक्ष
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लीयर (Marcus Pleyer) ने बताया है कि "पाकिस्तान लगातार निगरानी में है। इसने कार्य योजना पर 27 में से 26 मदों को बड़े पैमाने को ही पूरा किया है। पाकिस्तान अभी भी कई क्षेत्रों में वैश्विक FATF मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल हो रहा है, जिसका अर्थ है कि मनी लॉन्ड्रिंग का जोखिम अधिक है जो बदले में भ्रष्टाचार और संगठित अपराध को बढ़ावा दे सकता है"।
मार्कस प्लेयर ने आगे बताया कि, " पाकिस्तान को एक प्रमुख कार्रवाई को अभी भी पूरा करने की आवश्यकता है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जांच और अभियोजन से संबंधित है"। वहीं पाकिस्तान ने एफएटीएफ के इस फैसले को पश्चिमी देशों का भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है।
पाक को हुआ 38 अरब डॉलर का नुकसान
बता दें कि पाकिस्तान को साल 2018 में FATF की ग्रे सूची में डाल दिया गया था। जिसके बाद अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में इसका रिव्यू हुआ था, जिसमें पाकिस्तान को राहत नहीं मिली थी। वहीं खबर है कि इस दौरान आंतकी संगठनों को घरेलू स्तर के साथ-साथ विदेशों से भी फंडिंग की मदद मिली है। जानकारी के मुताबिक, साल 2008 से लेकर 2019 तक पाकिस्तान लगभग 38 अरब डॉलर (27,52,76,18,00,000 रुपए) के जीडीपी का घाटा हुआ है।
क्या है FATF
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसका गठन धन संशोधन से निपटने के लिए नीतियां विकसित करने के लिए गया है। साल 2001 में आतंकवाद के वित्तपोषण को शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया गया था। एफएटीएफ देह तस्करी, अवैध नशीले पदार्थ, हथियारों का व्यापार जैसे कारोबार से जुड़े अपराधियों की फंडिंग को ट्रैक करती है, साथ उस पर लगाम लगाने का भी काम करती है।
एफएटीएफ का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए मानक निर्धारित करना होता है, जिससे नए खतरे से निपटा जा सके। साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि बनाए गए मानकों का सही तरीके से पालन किया जाए। इसके एफएटीएफ यह भी सुनिश्चित करता है कि कौन सा ऐसा देश है जो इन मानकों का पालन नहीं करता है।