पाकिस्तान में हिंदुओं पर बड़ा हमला, कट्टरपंथियों ने मार-मारकर घर से भगाया

पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने इमरान खान सरकार की पोल खोल कर रख दी है। राहत ने हिंदुओं पर हमले का वीडियो ट्वीट कर कहा है कुछ दिनों पहले ही सिंध सूबे के खीप्रो के प्रशासन ने हिंदू भील समुदाय के मकानों को गिरा दिया।

Update: 2020-11-28 14:40 GMT
राहत ने हिंदुओं पर हमले का वीडियो ट्वीट कर कहा है कुछ दिनों पहले ही सिंध सूबे के खीप्रो के प्रशासन ने हिंदू भील समुदाय के मकानों को गिरा दिया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ अच्याचार बढ़ता ही जा रहा है। हिंदुओं पर पड़ोसी देश की सरकार भी कहर ढा रही है। सिंध राज्य में हिंदू भील जाति के कई मकानों को वहां की स्थानीय सरकार ने तोड़वा दिया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद सरकार ने दबाव में कार्रवाई को रोक दिया। अब वहां कट्टरपंथियों ने टूटे-फूटे घरों में रह रहे हिंदुओं पर हमला कर भगा दिया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने खोली पोल

पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने इमरान खान सरकार की पोल खोल कर रख दी है। राहत ने हिंदुओं पर हमले का वीडियो ट्वीट कर कहा है कुछ दिनों पहले ही सिंध सूबे के खीप्रो के प्रशासन ने हिंदू भील समुदाय के मकानों को गिरा दिया।

उन्होंने आगे कहा कि जब वीडियो वायरल हो गया तो सरकार ने कार्रवाई बंद कर दी, लेकिन कट्टरपंथियों ने गरीब-बेसहारा हिंदुओं पर हमला किया और उन्हें भगा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले में कई पुरुष, महिलाएं और बच्चे घायल भी हैं।

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अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के लिए बदनाम है सिंध

पाकिस्तान के सिंध में अल्पसंख्यकों पर आए दिन अत्याचार होता रहता है। पाकिस्तान के सिंध में ही सबसे अधिक हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरदस्ती धर्म परिवर्तन और निकाह कराया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में हर साल 1000 से हिंदु और ईसाई लड़कियों का अपहरण होता है। इसके बाद उनका धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है और इस्लामिक रीति रिवाज से निकाह किया जाता है। इन पीड़ित लड़कियों की उम्र 12 साल से 25 साल के अंदर होती है।

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गरीब परिवार की लड़कियों पर अधिक अत्याचार

मानवाधिकार संस्था ने बताया है कि आंकड़ें इससे भी अधिक हो सकते हैं, क्योंकि पुलिस अधिकतर मामले दर्ज नहीं करती है। जिन लड़कियों को अपहरण किया जाता है वह गरीब परिवार से होती हैं। उनकी कोई खोज-खबर लेने वाला नहीं रहता है। इन आंकड़ों के बाद पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की पोल खुल गई है।

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