रमजान के पाक महीने में भी पड़ोसी देश के मुस्लिम तरस रहे सहरी-इफ्तारी को
पाकिस्तान के रुपये की एशिया में सबसे खराब हालत है। पाकिस्तानी रुपया मई में 29 % कमजोर हुआ है। यह एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बन गई है। एक डॉलर का मूल्य करीब 150 पाकिस्तानी रुपये हो गया है। जबकि 70 भारतीय रुपये एक डॉलर के बराबर हैं।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सरकार महंगाई रोकने में लगातार नाकाम साबित हो रही है। यहां आर्थिक संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब इसका असर खाने पीने और रोजमर्रा की चीजों पर पड़ता दिखाई दे रहा है।
बता दें कि रमजान का महीना चल रहा है इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार लोगों को सस्ती सामग्री मुहैया नहीं करा पा रही है। आलम यह है कि पाकिस्तान में दूध 190 रुपये लीटर बिक रहा है तो वहीं, सेब 400 रुपये किलो, संतरे 360 रुपये और केले 150 रुपये दर्जन बिक रहे हैं। यही नहीं पाकिस्तान में मटन 1100 रुपये किलो हो गया है।
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जानकारी के अनुसार मार्च के मुकाबले मई में प्याज 40%, टमाटर 19 % और मूंग की दाल 13% ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं तो गुड़, शक्कर, फल्लियां, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतें 10 % तक बढ़ गई हैं। पाकिस्तान में महंगाई से लोग इतना परेशान हो गए हैं कि वो सोशल मीडिया पर खुलकर सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में लगातार गिरावट हो रही है। पाकिस्तान का शेयर मार्केट भी चौपट हो रहा है। पिछले 17 साल में शेयर बाजार का सबसे खराब इतिहास चल रहा है। हालात यह है कि कारोबारियों ने सरकार से मार्केट सपोर्ट फंड बनाने की मांग उठाई है।
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पाकिस्तान के रुपये की एशिया में सबसे खराब हालत है। पाकिस्तानी रुपया मई में 29 % कमजोर हुआ है। यह एशिया में सबसे कमजोर मुद्रा बन गई है। एक डॉलर का मूल्य करीब 150 पाकिस्तानी रुपये हो गया है। जबकि 70 भारतीय रुपये एक डॉलर के बराबर हैं।
मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी रुपये के गिरने का संबंध आईएमएफ के 6 अरब डॉलर के पैकेज पर सहमति बनाने की कोशिशों से है। क्योंकि जब से बातचीत शुरू हुई है, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में गिरावट आती जा रही है। जो भी समझौता हो, इसे लोगों के सामने लाना चाहिए।
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