अधूरा रहेगा मिशन मंगल: Perseverance Rover के सामने बड़ी चुनौती, जानें क्या होगा
नासा के परसेवरेंस रोवर के सामने मंगल ग्रह (Mars) पर एक बड़ी चुनौती आ सकती है। इसके बाद से चिंता जताई जा रही है कि कहीं परसेवरेंस रोवर भी इस तूफान की चपेट में ना आ जाए।
नई दिल्ली: नासा का परसेवरेंस रोवर (Perseverance Rover) सफलतापूर्वक मंगल ग्रह (Mars) पर लैंड हो गया है। लैंडिंग के बाद मंगल ग्रह की कई खूबसूरत फोटोज भी भेज चुका है। लेकिन इस बीच रोवर के सामने एक मुसीबत आने की संभावना जताई जा रही है। और वो खतरा है तूफान का। जिसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या परसेवरेंस रोवर इस तूफान को झेल पाएगा।
मंगल ग्रह पर अक्सर आते हैं बड़े तूफान
बता दें कि लाल ग्रह (मंगल) पर अक्सर तूफान आते रहते हैं। तूफान इतने तेज होते हैं तो बड़े बड़े पत्थरों को भी चकनाचूर कर देते हैं। यही नहीं इस दौरान बिजलियां भी कड़कती हैं। अब एक बार फिर मंगल ग्रह पर धूल का तूफान आने वाला है। इस तूफान में बिजलियां भी कड़केंगी। इस Storm की वजह से मंगल ग्रह पर वातावरण (Atmosphere) बैंगनी (Purple) कलर का हो जाएगा।
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क्या टिक पाएगा Perseverance Rover?
अब इसके बाद से चिंता जताई जा रही है कि कहीं परसेवरेंस रोवर भी इस तूफान की चपेट में ना आ जाए। इस मामले में ओरेगॉन यूनिवर्सिटी के जियोलॉजिस्ट जोशुआ मेंडेज हार्पर ने कहा कि मार्स परसेवरेंस रोवर (Mars Perseverance Rover) जिस जेजेरो क्रेटर में है, वहां पर कुछ दिन पहले ही तूफान आया था। लेकिन अगला तूफान आने तक रोवर को कोई भी खतरा नहीं है।
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नासा का मकसद होगा पूरा
लेकिन जब तूफान आएगा तो लाल ग्रह का रंग बैंगनी में बदल जाएगा और रोवर के सामने कई बार बिजलियां कड़कती हुई दिखाई देंगी। जोशुआ मेंडेज हार्पर ने कहा कि यह जल्द ही होगा। इसलिए नासा ने जिस काम के लिए रोवर को मंगल ग्रह पर भेजा है, वह मकसद भी पूरा होगा। यानी मार्स पर उठ रहे तूफान, बिजली, धूल, इलेक्ट्रिक चार्ज आदि की स्टडी करने को मिलेगी।
प्राचीन जीवन मौजूद होने का मिलेगा सबूत
जोशुआ ने कहा कि Mars पर आने वाले इस तूफान की जांच करते वक्त ही रोवर को यह मौका मिलेगा कि वह लाल ग्रह पर Organic पदार्थों की खोज कर सके। अगर मार्स परसेवरेंस रोवर इसमें कामयाब होता है तो यह एक बड़ी खोज होगी। क्योंकि जब इस तरह के तूफान आते हैं तो वह अपने साथ कई तरह की चीजों को एक साथ लेकर चलते हैं। साथ ही कई तरह की रासायनिक प्रोसेस होती हैं, जो इस बात का प्रमाण दे सकती हैं कि मंगल पर प्राचीन जीवन मौजूद था।
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