Pfizer: फाइजर का टीका और गोली, खत्म करेगी कोरोना महामारी
Pfizer: फाइजर ने एलान किया है कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए उसने एक दवाई बना ली है। कम्पनी को भरोसा है कि इस गोली से महामारी का खात्मा मुमकिन हो जाएगा।
Pfizer: लगता है कोरोना महामारी का अंत नजदीक आ गया है और इसमें प्रमुख हथियार बन रहे हैं फाइजर कम्पनी की वैक्सीन (pfizer vaccine) और उसकी एक टैबलेट (pfizer medicine) । फाइजर (Pfizer) ने एलान किया है कि कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए उसने एक दवाई बना ली है। कम्पनी को भरोसा है कि इस गोली से महामारी का खात्मा मुमकिन हो जाएगा और कोरोना एक मामूली बीमारी बन कर रह जाएगी।
फाइजर ने कोरोना की वैक्सीन (Pfizer COVID vaccine) से भरपूर कमाई की है। इस साल उसकी कोरोना कमाई 36 अरब डॉलर होने की उम्मीद है जो पिछले साल की तुलना में 7 फीसदी ज्यादा है। 2022 में कम्पनी 4 अरब डोज़ बनाएगी। अब अगले साल फाइजर के तरकश में वैक्सीन के साथ कोरोना की गोली भी जुड़ जाएगी। कम्पनी ने कहा है कि कोरोना के लक्षण आने के तीन दिन के भीतर ये गोली खाने से अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है। फाइजर कम्पनी (pfizer company) ने कहा है कि ये दवा कोरोना की सीरियस बीमारी को रोकने में बेहद प्रभावी है।
कोरोना के इलाज के लिए मर्क कम्पनी भी एक दवा बना चुकी है । लेकिन फाइजर की दवा कहीं ज्यादा असरदार बताई जा रही है। मर्क की दवा को अभी एफडीए की मंजूरी मिलनी बाकी है फाइजर कम्पनी की कोरोना की एन्टीवायरल गोली का नाम 'पैक्सलोविड' (Paxlovid) रखा गया है। कोरोना का संक्रमण दिखने के तीन दिन के भीतर इस गोली को खाने से अस्पताल में भर्ती होने या मौत होने का रिस्क 89 फीसदी कम हो जाता है।
फाइजर ने कहा है कि इस दवा के क्लीनिकल ट्रायल की निगरानी कर रहे स्वतंत्र एक्सपर्ट्स ने सिफारिश की है कि ट्रायल अब बन्द कर देना चाहिए क्योंकि मरीजों पर दवाई का असर बहुत ही बढ़िया साबित हुआ है। फाइजर ने कहा है कि वह इस दवा से संबंधित डेटा बहुत जल्द एफडीए के पास जमा करेगी ताकि अमेरिका में इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति मिल जाये।
पैक्सलोविड Wiki (Paxlovid Wiki)
पैक्सलोविड के डेवलपमेंट की प्रमुख वैज्ञानिक अनालीज़ा एंडरसन के अनुसार इस दवा के रिजल्ट हमारी उम्मीदों से कहीं ज्यादा अच्छे रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पैक्सलोविड से हम सभी का जीवन फिर से सामान्य होने और कोरोना महामारी की समाप्ति की उम्मीद दिखती है।
पैक्सलोविड ट्रीटमेंट अगले कुछ महीनों में सबके लिए सुलभ होने की संभावना है। शुरुआत में सप्लाई कुछ कम रह सकती है लेकिन जल्दी ही ये रफ्तार पकड़ लेगी। फाइजर और मर्क की दवाई उन मरीजों पर केंद्रित हैं जो ज्यादा जोखिम वाले हैं। जैसे कि 60 साल से ऊपर वाले या मोटापे से ग्रसित लोग जिनको गंभीर कोरोना बीमारी होने की आशंका होती है।