Quad Meeting: ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुई विदेश की बैठक, आतंकवाद रहा अहम मुद्दा, उत्तर कोरिया, चीन और पाकिस्तान को दी गई चेतावनी

Quad Meeting: विदेश मंत्रियों ने विशेष तौर से बगैर नाम लिए पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और चीन को चेतावनी जारी करते हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किसी भी प्रकार के ऐसे कार्यों से दूर रहने को कहा है जिनके चलते क्षेत्र में अस्थिरता और अशांति फैलने के आसार बढ़ें।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-02-11 18:26 IST

Quad Meeting की तस्वीर 

Quad Meeting: शुक्रवार को आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों व लोगों पर चर्चा के मद्देनज़र ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में क्वाड बैठक के चौथे संस्करण का आयोजन सम्पन्न किया गया है। इस बैठक में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मॉरिस पायने, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जापानी विदेश मंत्री हयाशी योशिमाशा शामिल हुए। इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने साझा रूप से बगैर किसी देश या व्यक्ति का नाम लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को चेतवानी जारी की।

विदेश मंत्रियों ने विशेष तौर से बगैर नाम लिए पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और चीन को चेतावनी जारी करते हुए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में किसी भी प्रकार के ऐसे कार्यों से दूर रहने को कहा है जिनके चलते क्षेत्र में अस्थिरता और अशांति फैलने के आसार बढ़ें। 

सीमावर्ती आतंकवाद बेहद ही खतरनाक

इसी के साथ सभी विदेश मंत्रियों ने एक साझा बयान जारी कर सीमावर्ती आतंकवाद को सबसे गंभीर श्रेणी में रखते हुए किसी भी देश के लिए बेहद ही खतरनाक बताया है। इस दौरान बैठक में शामिल सभी देशों के विदेश मंत्रियों ने 26/11 मुम्बई आतंकी हमला, पठानकोट एयरबेस हमला और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आए होने वाले आतंकी हमले की निंदा करते हुए बगैर नाम लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान पर हमला बोला तथा आगे ऐसे हमले को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान ने अपना सहयोग देने का भी वायदा किया है। साथ ही वर्तमान में तालिबान शासित अफगानिस्तान को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई और इस बात अधिक महत्वता दी गई कि आने वाले समय में अफगानिस्तान को आतांकियों का अड्डा नहीं बनने देना है।

भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

एक ओर जहां जापानी विदेश मंत्री ने बगैर किसी देश का नाम लिए समुद्री और सीमावर्ती क्षोर से चीन और उत्तर कोरिया से होने वाले खतरे की ओर अंदेशा व्यक्त करते हुए अपनी बात रखी है। वहीं ऑस्ट्रलियाई और अमेरिकी विदेश मंत्री की ओर से उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों का किया जा रहा परीक्षण और चीन की संयंत्रकारी सोच को लेकर भी अहम चर्चा की शुरुआत की गई। 

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