अलर्ट: चमगादड़ों की वजह से 5 लोगों की मौत, अब रैबीज का तेजी से बढ़ा खतरा, ऐसे करें बचाव

Rabies: दो साल बाद अमेरिका में चमगादड़ों की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई। ये मौते बीते साल अमेरिका में हुई थी।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-01-09 17:06 IST

Rabies: चमगादड़ों से कोरोना वायरस की उत्पत्ति का दावा होने के बाद अब दो साल बाद अमेरिका में चमगादड़ों की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई। ये मौते बीते साल अमेरिका में हुई थी। जिसके बाद से देश की प्रमुख चिकित्सा संस्थान सीडीसी ने अलर्ट भी जारी किया है। रिपोर्ट में इन मौतों की वजह रैबीज (Rabies) होना सामने आई है।

लेकिन गौर करने की बात ये है कि अमेरिका में रैबीज की बीमारी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। जिसमें साल में करीब 2 या 3 मामले ही सामने आते हैं और ये मामले ज्यादा भयावह नहीं होते कि मौत तक बात पहुंचे। विचार की बात ये भी है कि रैबीज तो कुत्ते के काटने से होता, फिर ये चमगादड़ यहां क्या कर रहा है? चलिए जानते है आखिर क्या मतलब है।

रैबीज का मामला 

इस बारे में सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के नई रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल जिन पांच लोगों की रैबीज की वजह से मौत हुई। उनमें से तीन लोगों की मौत पांच हफ्तों के भीतर हो गई थी। वहीं इसके पहले दो सालों तक रैबीज का एक भी मामला सामने नहीं आया था। 

बीते साल पांच सप्ताह में मारे गए तीन लोगों में से एक बच्चा भी शामिल था। ये सभी चमगादड़ों से संक्रमित हुए थे। जिनकी मौतें बीते साल 28 सिंतबर से 3 नवंबर के बीच हुई थी। ऐसे में सीडीसी के मुताबिक, इन तीनों लोगों में संक्रमण के बाद या पहले लगने वाली वैक्सीन के बाद दिखने वाले पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफाइलेक्सिस (PEP) के लक्षण भी नहीं दिखाई दिए थे। जबकि बीते साल हुई मौतों के बाद सीडीसी ने पूरे देश के लिए चेतावनी और जागरूकता के लिए सूचनाएं जारी की।


इसके अनुसार, रैबीज बीमारी केवल कुत्तों से ही नहीं फैलती है चमगादड़ भी इसके जिम्मेदार हो सकते हैं। इस रैबीज बीमारी को फैलाने वाले चमगागड़ों को रैबिड बैट्स (Rabid Bats) कहते हैं।

रैबीज पर सीडीसी के अनुसार, साल 2007 से चमगादड़ों की वजह से रैबीज के मामले कम थे। जिसमें सन् 2019 और 2020 में तो एक भी मामला सामने नहीं आया था। पर बीते साल पांच मौतों ने सीडीसी के हाल खराब कर दिए। इस पर सीडीसी का मानना है कि रैबीज को लेकर लोगों में जागरुकता की कमी की वजह से ऐसा हो रहा है।

भयावह बीमारी से ऐसे बचें

सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, रैबीज (Rabies) एक ऐसे वायरस से होता है, जो सीधे नर्वस सिस्टम पर बुरा प्रभाव डालता है। ये वायरस रैबिड जानवरों के काटने से, उनके नाखूनों के खरोंचने की वजह से फैलता है। 

ये रैबीज बीमारी फैलाने वाले जानवरों में कुत्ते, लोमड़ियां, चमगादड़, रकून, स्कंक है जिनकी वजह से रैबीज फैलता है। पूरी दुनिया में सामान्यत् रैबीज कुत्तों के काटने से होता है। ऐसे में अमेरिका में हर साल करीब 60 हजार लोगों को रैबीज की वैक्सीन लगाई जाती है। जिससे ये बीमारी भयावह न बने।

ऐसे में सीडीसी ने लोगों को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि लोगों को चमगादड़ों से दूर रहना चाहिए। अगर उन्हें कहीं कोई चमगादड़ दिखे, तो तत्काल राज्य या स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को या फिर जानवर नियंत्रण सेंटर को फोन करके बताएं। बिना किसी सुरक्षा के खुद रैबीज फैलाने वाले जीवों के पास तक न जाएं और नहीं उन्हें हाथ लगाएं।

इसके अलावा रैबीज से बचने अपने पालतू जानवर जिसमें कुत्तों के सबसे ज्यादा पालते हैं जो लोग वे अपने पेट्स को डॉक्टर के पास ले जाकर इंजेक्शन जरूर लगवाएं। वहीं जंगली और खुले यानी आवारा जानवरों-जीवों से दूरी बनाकर रखें।


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