Sweden: दक्षिणपंथी नेता ने मस्जिदों को ध्वस्त करने का किया आह्वान, स्वीडन में हड़कंप

Sweden: स्वीडन डेमोक्रेट्स के नेता जिमी एकेसन ने देश में मस्जिदों को ध्वस्त करने का आह्वान किया है। एकेसन की गिनती देश के धुर-दक्षिणपंथी नेताओं में होती है।

Update:2023-11-28 15:46 IST

 दक्षिणपंथी नेता ने मस्जिदों को ध्वस्त करने का किया आह्वान, स्वीडन में हड़कंप: Photo- Social Media

Sweden: यूरोपीय देश स्वीडन पिछले कुछ समय से दुनिया के मुस्लिम देशों के निशाने पर है। वजह है यहां के दक्षिणपंथियों के द्वारा इस्लाम धर्म के खिलाफ बयानबाजी। पिछले दिनों पवित्र कुरान जलाने की घटना को लेकर भारी बवाल हुआ था और मुस्लिम राष्ट्रों की ओर से स्वीडिश सरकार को कड़ी नाराजगी झेलनी पड़ी थी। इस बीच यहां के एक और दक्षिणपंथी नेता ने भड़काऊ बयानबाजी की है, जिससे देश में हड़कंप मच गया है।

स्वीडन डेमोक्रेट्स के नेता जिमी एकेसन ने देश में मस्जिदों को ध्वस्त करने का आह्वान किया है। एकेसन की गिनती देश के धुर-दक्षिणपंथी नेताओं में होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपनी पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में एक भाषण के दौरान कुछ मस्जिदों को जब्त करने और फिर उन्हें जमींदोज करने का आह्वान किया। एकेसन ने कहा कि हमें उन मस्जिदों को जब्त करना और तोड़ना होगा जहां लोकतंत्र विरोधी, स्वीडिश विरोधी और यहूदी विरोधी विचारों को फैलाया जाता है।

स्वीडिश पीएम ने बयान की निंदा की

जिमी एकेसन के बयान ने पूरे देश में हड़कंप मच दिया। खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका कड़ा विरोध किया है। मामला तूल पकड़ता देख प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन को बयान जारी करना पड़ा। उन्होंने एकेसन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह खुद को व्यक्त करने का एक अपमानजनक तरीका है। यह ध्रुवीकरण करने वाला तरीका है। ऐसे बयानों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि खराब होती है।

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उन्होंने एक्स पर लिखा कि स्वीडन में धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है, जो इस मूल सिद्धांत पर आधारित है कि कोई भी इंसान व्यक्तिगत रूप से और दूसरों के साथ मिलकर अपने धर्म का पालन कर सकता है। यह सभी पर समान रूप से लागू होता है - ईसाई, मुस्लिम, यहूदी और अन्य धर्मों के लोगों पर। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एकेसन की पार्टी स्वीडन डेमोक्रेट्स के समर्थन के बदौलत ही प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन की सरकार चल रही है, इसके बावजूद उन्हें विरोध में स्टेटमेंट जारी करना पड़ा।

मुस्लिम देश स्वीडन का कर रहे विरोध

यूरोप में रूस के आक्रमक रवैये को देखते हुए कई देश नाटो में शामिल होने की जद्दोजहद कर रहे हैं। इनमें स्वीडन भी शामिल हैं। अमेरिका समेत अन्य सदस्य देश इसके लिए तैयार हैं। लेकिन तुर्की और हंगरी जैसे मुस्लिम देश स्वीडन की राह का रोड़ा बने हुए हैं। स्वीडन में इस्लाम विरोधी गतिविधियों और अलगाववादी कुर्द नेताओं को शरण देने को लेकर तुर्की भड़का हुआ है। देश में कुरान जलाने की घटना को लेकर मध्य-पूर्व के प्रभावशाली देशों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और वहां रह रहे स्वीडिश राजदूत को तलब किया था। 

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