Russia-Ukraine War: रूसी सैनिक पहले यूक्रेनी सरजमीं से वापस हों, शांति वार्ता से पहले यूक्रेन ने रखी मांग

Russia-Ukraine War: रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला (russia ukraine war) बोलने के पांचवें दिन आखिरकार दोनों देश वार्ता की मेज पर आने को राजी हुए। दोनों देशों के बीच बेलारूस (Belarus) के मिंस्क शहर (Minsk city) में वार्ता होना है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-02-28 15:55 IST

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और वोलोदोमिर जेलेंस्की: Photo - Social Media

New Delhi: रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला (russia ukraine war) बोलने के पांचवें दिन आखिरकार दोनों देश वार्ता की मेज पर आने को राजी हुए। दोनों देशों के बीच बेलारूस (Belarus) के मिंस्क शहर (Minsk city) में वार्ता होना है। इसको लेकर सभी औपचारिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भारतीय समयनुसार यह बैठक 3.30 बजे होगी।

इसे लेकर रूस और यूक्रेन (russia ukraine news) के प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच चुके हैं। इस बीच वार्ता शुरू होने से ऐन पहले यूक्रेन की तरफ से बड़ी मांग सामने आई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्य़ालय ने बातचीत से पहले संघर्षविराम और रूसी सैनिकों की यूकेनी सरजमीं से वापसी की मांग की है।

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और वोलोदोमिर जेलेंस्की होंगे आमने-सामने

इससे पहले बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच मीटिंग के लिए सभी उपयुक्त तैयारियां करने की बात कही थी। रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जहां राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन करेंगे, वहीं यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व वोलोदोमिर जेलेंस्की करेंगे। बता दें कि शुरूआत में यूक्रेन बेलारूस में किसी भी तरह की बैठक करने से इनकार कर दिया था। दरअसल बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंकों को पुतिन का सबसे भरोसेमंद माना जाता है। हालांकि बाद में यूक्रेन मिंस्क में बातचीत को राजी हो गया।

रूस-यूक्रेन युद्ध: Photo - Social Media

एक मेज पर आने को मजबूर हुए दोनों देश

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला बोलने के बाद से उसपर जंग खत्म करने का जबरदस्त वैश्विक दवाब है। दरअसल, रूस को यूक्रेन पर चढ़ाई करने के बाद वो अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिसकी वो सोच रहा था। इस कार्रवाई में उसे बहुत तगड़ा नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में उसके सैनिक औऱ लड़ाकू विमान, टैंक इत्यादि नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा अमेरिका समेत पश्चिमी मुल्कों द्वारा आर्थिक प्रतिबंधों को लगातार कसा जा रहा है। जिसने वहां के आर्थिक हलकों में खलबली मचा दी है। यही वजह है कि पुतिन भी चाहते हैं कि यूध्द का जल्द से जल्द कोई निष्कर्ष निकले।

वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन में यूध्द को लेकर भारी तबाही मची है। गंभीर मानवीय संकट को देखते हुए यूक्रेन भी चाहता है कि इसका जल्द से जल्द हल निकलें। क्योंकि वेस्ट ने उसे सैन्य मदद देने से इनकार कर दिया है। लिहाजा उसे रूस के खिलाफ अकेले सैन्य मोर्चे पर लड़ना होगा। जो आसान बिल्कूल नहीं है।

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