Russia-Ukraine War: तीसरे महायुद्ध की आहट, जानें किसके साथ कौन है खड़ा
यूक्रेन के साथ लंबे वक्त से चले आ रहे तनाव के बीच रूस ने आज सुबह यूक्रेन पर हमला कर दिया। जिसके बाद दुनिया के कई देशों ने रूस-यूक्रेन के इस युद्ध पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
Russia Ukraine war : रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध छिड़ चुका होगा। इस युद्ध में पूरा विश्व दो खेमों में बंटता दिखायी दे रहा है। एक तरफ अमेरिका और नाटो देश यूक्रेन के साथ है, दूसरी तरफ एशिया की कई महाशक्तियां रूस के साथ खड़ी दिख रही हैं। इसके साथ ही कुछ देश तटस्थ होने की कोशिश कर रहे हैं। यह युद्ध अगर लंबा खिंचा या यूक्रेन के साथ अमेरिका और मित्र देश युद्ध में कूदे तो निश्चय ही ये महासंग्राम की शक्ल ले सकता है। वैसे अमेरिका और रूस दोनों ही परमाणु शक्ति के मामले में बहुत शक्तिशाली है तो यूक्रेन भी कहीं से कम नहीं है। आइये जानते हैं इस युद्ध में क्या स्थिति बन रही है।
हस्तक्षेप करने वाले देशों को रूस ने चेताया
गुरुवार की सुबह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने टेलीविजन संबोधन के जरिए यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का घोषणा कर दिया। इस दौरान पुतिन ने उन देशों को भी चेतावनी दी जो यूक्रेन के समर्थन में रूस को रोकना चाहते हैं। पुतिन ने कहा- यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान में अगर कोई देश हस्तक्षेप करेगा तो उन्हें भी ऐसा ही परिणाम भुगतना पड़ेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई करने में रूस सोचेगा नहीं। हालांकि इन दो देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में यह देखना बहुत जरूरी है कि कौन से देश किसके साथ खड़े हैं।
भारत
रूस और भारत के बीच बड़े लंबे वक्त से बेहतर रिश्ते रहे हैं। रूस हमेशा से भारत के लिए रक्षा उपकरणों की खरीदारी में एक बड़ा हिस्सेदार रहा है। ऐसे में भारत रूस यूक्रेन मामले में कभी भी किसी भी देश के समर्थन या विरोध में बोलने से बचता नजर आया है। रूस यूक्रेन विवाद को लेकर भारत ने हमेशा से ही कूटनीतिक तरीके से मामले को शांत करने की दिशा में जोर दिया है।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत ने गहरा चिंता जताया है। भारत ने कहा है कि विश्व की शांति और सुरक्षा के लिए इन हालातों को तत्काल संभाला जाना चाहिए। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ जाने के बाद यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के ऊपर भी संकट गहरा गया है।
आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त यूक्रेन में 20 हजार के करीब भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनको निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज शाम देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), एनएसए अजीत डोभाल (Ajit Doval) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ एक अहम बैठक भी किया है।
अमेरिका
अमेरिका उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का एक सदस्य है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस विवाद को अगर कोई दे शांत करवा सकता है तो वह अमेरिका ही है। रूस लगातार यूक्रेन को नाटो देश में शामिल करने के मांग का विरोध करते आया है। जिस पर अमेरिका ने रूस को कड़ी चेतावनी देते हुए यूक्रेन में अपनी सैनिकों की उपस्थिति बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से फोन पर बात की है।
जर्मनी
जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जिसके कारण रूस यूक्रेन विवाद को लेकर जर्मनी रूस के तरफ हमेशा से ही सतर्क नजर आता है। जर्मनी ने हाल ही में ऊर्जा और व्यापार से संबंधित विस्तार मॉस्को के साथ किया है। इसके साथ ही जर्मनी ने हाल ही में देश के एक बड़े गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को (जो रूस और जर्मनी को आपस में जोड़ती उसे) रोक दिया है।
यूनाइटेड किंगडम
रूस यूक्रेन विवाद में जर्मनी हमेशा से यूक्रेन का साथी रहा है। इसी साल यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के बीच एक अहम मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात के बाद ब्रिटेन ने रूस को युद्ध के खिलाफ चेताया था। वहीं आज रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला शुरू किए जाने के बाद बोरिस जॉनसन ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर अचानक हमले की शुरुआत करके रक्तपात और विनाश का रास्ता चुना है, जिसका जवाब ब्रिटेन और हमारे सहयोगी जरूर देंगे।
चीन
रूस यूक्रेन के बीच चल रहे इस विवाद में चीन रूस की तरफ खड़ा नजर आता है। चीन ने रूस के ऊपर पश्चिमी देशों और अमेरिका के द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को लेकर हमेशा से विरोध दर्ज कराया है। साथ ही चीन रूस यूक्रेन के बीच चल रहे एक तनाव का कारण हमेशा से ही अमेरिका को बताया है। चीन पश्चिमी देशों और रूस के साथ संबंधों में संतुलन बनाए रखते हुए हमेशा से ही रूस यूक्रेन विवाद का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से निकालने की बात कहता है।
यूरोपियन यूनियन
रूस यूक्रेन के बीच चल रहे इस विवाद को लेकर आज यूरोपियन यूनियन के चीफ उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) ट्वीट कर लिखा कि, "हम यूक्रेन पर रूस के अनुचित हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इस अंधेरे की घड़ी में हमारे विचार यूक्रेन और वहां की निर्दोष महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के साथ हैं, क्योंकि वह इस अकारण हमले का सामना कर रहे हैं और जान की जोखिम का सामना कर रहे हैं। हम क्रेमलिन को इसके लिए जवाबदेह ठहराएंगे।"