Russia-Ukraine War: युध्द प्रभावित यूक्रेन से भारत ने अपने नागरिकों के अलावा 18 अन्य देशों के लोगों को भी निकाला

युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारत ने अपने नागरिकों के अलावा 18 अन्य देशों के लोगो को भी निकाला। यूएन में भारतीय राजदूत ने ये जानकारी दी।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-03-18 09:51 GMT
भारतीय नागरिकों की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Russia Ukraine War: रूस औऱ यूक्रेन के बीच घमासान जारी है। यूक्रेन पर भयंकर रूसी बमबारी ने पूरे देश को तकरीबन तबाह कर दिया है। रूसी हमले की जद में अब वहां के रिहाइशी इलाके भी आने लगे हैं। जिससे असैन्य आबादी के हताहत होने की तादाद लगातार बढ़ रही है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस भीषण यूध्द में तटस्थ भूमिका अपनाने वाला भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जंग प्रभावित यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता प्रकट की है।

भारत के अलावा देशों के नागरिकों को भी निकाला बाहर

यूक्रेन में हजारों की संख्या में पढ़ रहे भारतीय छात्र युध्द शुरू होने के साथ ही वहां फंस गए। यूक्रेन द्वारा अपने एयरस्पेस को बंद किए जाने पर वहां से भारतीयों को सुरक्षित निकलना और चुनौतीपूर्ण हो गया है। ऐसे में भारत ने पूर्वी यूरोप में स्थित यूक्रेन के अन्य पड़ोसी देशों के जरिए भारतीय नागिरकों की सुऱक्षित निकासी की। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत 22500 भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्तिचत की है। उन्होंने इस कवायद में यूक्रेन औऱ उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले सहूलियत की जमकर सराहना की।

यूक्रेन में फंसे नागरिकों की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

इसके अलावा तिरूमूर्ति ने बताया कि भारत सरकार ने वहां फंसे केवल भारतीय नागरिकों को ही बाहर नहीं निकाला बल्कि 18 अन्य देशों में फंसे नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला। यूएन में भारत के स्थायी राजदूत ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल युध्दविराम का आह्वान किया है और इस बत पर जोर दिया है कि बातचीत और कूटनीति के रास्ते के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

यूक्रेन की स्थिति पर चिंता

रूस औऱ यूक्रेन के बीच जंग 23वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इसी के साथ यूक्रेन पर रूसी हमला भी तेज होता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरूमूर्ति ने जंग प्रभावित यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि युध्द के कारण प्रभावित हुए लोगों की मानवीय जरूरतों का तत्काल निदान करने की जरूरत है। संघर्ष के कारण अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। आंतरिक रूप से हजारों लोगों का विस्थापन हुआ और 30 लाख से अधिक यूक्रेनी नागरिक अन्य देशों में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर हुए।

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