Russia-Ukraine War: जारी युद्ध के बीच राष्ट्रपति पुतिन की नई चाल, अमेरिका से की परमाणु हथियार हटाने की मांग

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के साथ जंग खत्म करने का वैश्विक दवाब झेल रहे राष्ट्रपति पुतिन ने अब एक नया दांव चल दिया है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-03-01 17:29 IST

प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के साथ मैदान-ए-जंग के उलझा रूस कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रिय है। लगातार बीते छह दिनों से यूक्रेन को बमों औऱ मिसाइलों से दहलाने वाला रूस किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ न्यूक्लियर हमला करने तक की तैयारी कर चुके हैं।

इसी दौरान वे अपने दुश्मन नंबर वन अमेरिका को भी आंख दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यूक्रेन के साथ जंग (Russia-Ukraine War) खत्म करने का वैश्विक दवाब झेल रहे राष्ट्रपति पुतिन ने अब एक नया दांव चल दिया है। उन्होंने अमेरिका से यूरोप में तैनात उसके परमाणु हथियारों को हटाने की मांग कर दी है।

यूरोप में तैनात अमेरिका परमाणु हथियार

सुपरपॉवर अमेरिका यूरोप में बड़ी संख्या में परमाणु हथियार तैनात किए हुए है। शीत युध्द के दौरान तत्तकालीन सोवियत संघ से कड़वे संबंध को देखते हुए उसने अपने मित्र देशों में ये परमाणु हथियार तैनात किए थे।

2010 में विकिलीक्स द्वारा जारी किए एक दस्तावेज के मुताबिक यूरोप में अमेरिका ने 200 परमाणु हथियार तैनात कर रखे हैं। ये हथियार अमेरिका के मित्र देशों बेल्जियम, नीदरलैन्ड, जर्मनी और तुर्की में है, जो नाटो के सदस्य भी हैं। रूस हमेशा इन अमेरिकी परमाणु हथियारों को लेकर असहज महसूस करता रहा है।

न्यूक्लीयर अटैक की तैयारी में रूस

उधर, यूक्रेन के साथ यूध्द लंबा खिंच जाने औऱ मनमाफिक नतीजे न आने से निराश रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन यूध्द इतिहात के उस घटनाक्रम को दोहरान पर विचार कर रहे हैं, जिसे द्वितीय विश्व यूधद के दौरान अमेरिका ने जापान पर किया था।

रूसी मीडिया एजेंसी स्पूतनिक ने पुतिन के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के खौफनाक प्लान की पुष्टि करते हुए दुनिया में हलचल मचा दी है। रूसी समाचार एजेंसी के अनुसार न्यूक्लीयर कमांड वाली यूनिट की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। तमाम न्यूक्लीयर मिसाइलों को फायरिंग मोड में ला दिया गया है।

ऐसे में माना जा रहा है कि रूस इन तैयारियों के जरिए अमेरिका पर यूरोप में तैनात उसके परमाणु हथियार को हटाने के लिए दवाब बनाना चाह रहा है। 

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