Russia Ukraine War: बड़े शरणार्थी संकट की ओर यूरोप, अब तक 20 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन, UN का दावा
Russia Ukraine War: युध्द की गति अगर यही रही तो आने वाले दिनों में ये आंकड़ा और बढ़ेगा। चार करोड़ की आबादी वाले यूक्रेन में उपजे इस मानवीय संकट ने यूरोप को द्वितीय विश्व युध्द के बाद एक बड़े शरणार्थी संकट की ओर धकेल दिया है।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग की खौफनाक तस्वीरें दुनिया को परेशान और चिंतित कर रही है। युध्द के 13वें दिन भी हमलों की त्रीवता में कोई कमी नहीं आई है। रूसी सेना द्वारा यूक्रेन के आवासीय परिसरों को निशाना बनाए जाने से गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। रूसी मिसाइलों और रॉकेट के हमलों से बचने के लिए इधर – उधर भाग रहे लोग इनके चपेट में भी आ रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन अपने देश छोड़कर अन्य देशों की ओर पलायन करने वाले यूक्रेनी नागरिकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब तक यूक्रेन से 20 लाख लोग पलायन कर चुके हैं।
युध्द की गति अगर यही रही तो आने वाले दिनों में ये आंकड़ा और बढ़ेगा। चार करोड़ की आबादी वाले यूक्रेन में उपजे इस मानवीय संकट ने यूरोप को द्वितीय विश्व युध्द के बाद एक बड़े शरणार्थी संकट की ओर धकेल दिया है। जंग का अखारा बने यूक्रेन में लोग अब खाना और पानी के लिए तरस रहे हैं। बंकरों में बगैर पानी, बिजली और खाना के उनके लिए लंबे समय तक रहना कठिन है। लिहाजा वे देश छोड़ने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के मारियापोल शहर में पानी की कमी के कारण एक बच्ची की मौत ने दुनिया को हिला दिया है। ऐसी ही कई कहानियां हैं जो रूसी हमले के कारण बन रहे मलबे में दबती जा रही हैं।
वेस्ट पर बरसे जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की लगातार मजबूती से रूस के खिलाफ लड़ने की बात कह रहे हैं। इस दौरान पश्चिम से भी कई दफे मदद की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन वहां से अपेक्षित मदद नहीं मिलने से निराश जेलेंस्की आज पश्चिम के मुल्कों पर भड़क गए। उन्होंने नाटो और पश्चिम पर मुश्किल समय में मदद नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेताते हुए कहा कि आज वो उनसे मदद मांग रहे हैं, कल कोई और उनसे मदद की गुहार लगाएगा।
दरअसल रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन युध्द की शुरूआत होने के साथ ही कह चुके हैं कि अगर किसी तीसरे देश ने इसमे टांग अड़ाई तो इसके परिणाम उसके लिए बेहद ही खौफनाक होंगे। यही वजह है कि रूसी चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए नाटो समेत वेस्ट के अन्य देश रूस से कोई सैन्य टकराव लेने से बच रहे हैं।