Russia-Ukraine War: यूक्रेन में 16 से 60 तक के पुरुष नहीं छोड़ सकते देश

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुष नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने से प्रतिबंधित किया गया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2022-02-25 09:17 IST

यूक्रेन राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (फोटो : सोशल मीडिया )

Russia-Ukraine War: यूक्रेन सरकार (Ukraine government) ने रूसी (Russia-Ukraine War ) आक्रमण के चलते 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच के सभी यूक्रेनी पुरुषों (Ukrainian men) के देश छोड़ने पर प्रतिबंध (banned leaving country) लगा दिया है। प्रतिबंध मार्शल लॉ की अवधि के लिए लागू रहेगा।

यूक्रेन की सीमा रक्षक सेवा (डीपीएसए) के अनुसार, ये प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है ताकि सभी पुरुष देश की रक्षा के लिए उपलब्ध रहें। विशेष रूप से, यूक्रेन के 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुष नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने से प्रतिबंधित किया गया है। ऐसा नियम मार्शल लॉ की अवधि के लिए लागू होगा।

मार्शल लॉ लगाने का मतलब है कि नागरिक नेताओं के बजाय सैन्य अधिकारियों और सैनिकों पर राष्ट्र के कानूनों को तय करने और लागू करने का दारोमदार है। मार्शल लॉ के उल्लंघन में पकड़ा गया कोई भी व्यक्ति सैन्य न्यायाधिकरणों का सामना कर सकता है।

राष्ट्रपति ने लड़ने के लिए तैयार यूक्रेनी नागरिकों का आह्वान किया 

राष्ट्रपति ने आगे आने और लड़ने के लिए तैयार यूक्रेनी नागरिकों का आह्वान किया है, और जो भी चाहे उनके लिए हथियार का वादा किया है। जबकि देश के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने सेना में भर्ती होने के लिए यूक्रेनी पासपोर्ट वाले हर व्यक्ति को बुलाया है। उन्होंने कहा कि दुश्मन हमला कर रहा है, लेकिन हमारी सेना अजेय है। यूक्रेन पूरी तरह से रक्षा मोड में जा रहा है।रूसी आक्रमणकारियों के खिलाफ यूक्रेनी सेना की रक्षात्मक क्षमता अब सामने आने लगी है।

विदेशों में रह रहे बहुत से यूक्रेनी अपने देश के लिए लड़ने के लिए यूक्रेन लौट रहे हैं। डोनबास में लगभग 300,000 पूर्व सैनिकों ने भी लड़ते रहने की शपथ ली है। यूक्रेन में रह रहे भारतीय युवाओं समेत कई विदेशी नागरिक भी रक्षा बलों में शामिल हो गए हैं।

यूक्रेनी सेना में बहुत सुधार

13,000 से अधिक लोगों की जान लेने वाले लगभग आठ वर्षों के युद्ध से कठोर के चलते यूक्रेनी सेना में बहुत सुधार हुआ है। पश्चिमी देशों ने भी हथियारों और प्रशिक्षण से यूक्रेनी सेना को मजबूत किया है। 2014 तक यूक्रेनी सेना केवल कागज पर थी, और इसमें लड़ने की क्षमता नहीं थी। लेकिन अब हालात भड़क चुके हैं।

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