Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों की 10 मार्च को होगी मुलाकात, तुर्की करेगा मेजबानी
Russia Ukraine War युद्ध में समझौता एवं शांति स्थापित करने के लिए यूक्रेनी विदेश मंत्री और रूसी विदेश मंत्री के बीच 10 मार्च को तुर्की में मुलाकात होगी।;
रूस और यूक्रेन (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)
Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग का आज 12वां दिन है। रूसी सेना के ताबड़तोड़ मिसाइल और रॉकेट हमले ने पूरे यूक्रेन में तबाही मचा रखी है। लाखों की संख्या में लोग पलायन कर चुके हैं। इसी के साथ दोनों पक्षों में शांति स्थापित करने की कवायद भी जारी है। इस मोर्चे पर एक बड़ा डेवलेपमेंट हुआ है। रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्री जंग के बाद पहली बार एक दूसरे से मुलाकात को राजी हुए हैं। नाटो का सदस्य तुर्की इस मुलाकात की मेजबानी करने जा रहा है।
10 मार्च को होगी दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात
तुर्की के विदेश मंत्री मेव्लुत चोवाशुग्लू (mevlut cavusoglu) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Dimitro Kuleba) औऱ रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) आगामी 10 मार्च को तुर्की के तटीय प्रांत अंताल्या में एक कूटनीतिक मुलाकात के लिए राजी हुए हैं। दोनों देशों के बीच जंग छिड़ने के बाद इस तरह की ये पहली उच्चस्तरीय बैठक होगी।
इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रैचेप तैयेप एरदोगोन ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर बातचीत की थी। जिसमें उन्होंने युध्द खत्म करने की मांग की थी। जिसपर पुतिन ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि अगर यूक्रेन हथियार छोड़ता है औऱ मास्को की शर्तों को मानने को तैयार होता है, तो वे इस जंग को तुरंत खत्म कर देंगे। अगर यूक्रेन ऐसा नहीं करता है तब ये जंग जारी रहेगी। वहीं आज चीन ने भी यूक्रेन औऱ रूस के बीच जरूरी मध्यस्थता करवाने में रूचि दिखाई है।
बता दें कि आज बेलारूस में रूसी औऱ यूक्रेनी डेलीगेशन के बीच तीसरे दौर की वार्ता चल रही है। दो दौर की वार्ता असफल होने के बाद इसे लेकर काफी उम्मीदें हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत के दौरान उन्हें सीधे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की से बात करने का सुझाव दे चुके हैं। दरअसल पुतिन किसी भी कीमत में कीव में जेलेंस्की को सत्ता में नहीं देखना चाहते हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच बढ़ी ये दूरी कैसे और किस मोड़ पर खत्म होगी, ये तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में है।