Russia Ukraine War: क्या म्यूजियम से हथियार निकाल कर रूस से युद्ध लड़ रहा यूक्रेन, आइए जानते हैं इसकी वजह?
Russia Ukraine War: रूस की ताकत वर सैन्य शक्ति का सामना करने के लिए इस युद्ध में यूक्रेन का साथ नाटो देश दे रहे हैं।
Russia Ukraine War: हाल ही में यूक्रेन ने रूस को करारा जवाब देने के लिए राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने नाटो देशों से और अधिक हथियारों की मांग की। यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि वो रूस को अपनी जमीन से खदेड़ सकते हैं, हालांकि इसके लिए नए हथियारों के एक शस्त्रागार की आवश्यकता है। यूक्रेनी सेना ने यह भी दावा किया कि रूस नए सिरे से हमला करने का प्लान बना रहा है। नाटो देशों ने भी यूक्रेन को कई तरह के मुख्य युद्धक टैंक, बख्तरबंद वाहन, तोप, मिसाइल और गोला-बारूद देने का ऐलान किया है। इसके बावजूद यूक्रेन को डर है कि यह पुतिन को पूरी तरह से हराने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को एक साल पूरे होने को हैं।
रूस की ताकत वर सैन्य शक्ति का सामना करने के लिए इस युद्ध में यूक्रेन का साथ नाटो देश दे रहे हैं। लेकिन इस बीच सबसे रोचक बात यह है कि यूक्रेन ने आधुनिक अस्त्र शस्त्रों के बावजूद युद्ध में एक बेहद पुराने हथियार को उतार दिया है। आपको बताते चलें की यह पुराना हथियार और कुछ नहीं बल्कि एक पुरानी तोप है, जिसे 'म्यूजियम पीस' कहा जा रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की यूक्रेनी सेना को नाटो की मदद से हर तरह के आधुनिक हथियार पहुचानें के बाद भी इस म्यूजियम पीस का इस्तमाल करना चाहते हैं, ताकि उसकी मदद से रूसी सेना को पीछे धकेला जा सके। लेकिन यूक्रेन की सेना अपनी जीत निश्चित करने के लिए हर तरीको को अपना रही है।आइए जानते है इस यूक्रेनी हथियार के बारे में -
प्राचीन सोवियत समय की 240 मिमी मोर्टार गन
यूक्रेनी सेना ने 'प्राचीन' सोवियत समय की 240 मिमी मोर्टार गन को रूस के खिलाफ युद्ध के मैदान में तैनात किया है। इसका नाम M240 है। इसमें 240 मिमी का गोला लोड किया जाता है। ये तोप 130 किग्रा के गोले को छह किमी दूरी तक फायर कर सकती है। ये बंदूक 10 चालक दल की ओर से चलाई जाती है। हालांकि ये बेहद पुरानी टेक्नोलॉजी है, जिसके कारण ये एक तेज हथियार नहीं है। इसे एक ट्रैक्टर के जरिए जोड़ कर खींचा जाता है और प्रति मिनट सिर्फ एक गोला दागने की क्षमता रखता है।
बंकरों के लिए घातक है हथियार
हालांकि इस बंदूक की सबसे बड़ी ताकत इसका गोला है जो सीधे अपने लक्ष्य पर गिर सकता है। ये बंकरों के लिए सबसे घातक है। हालांकि यूक्रेनी सेना किस तरह के गोले दागने में इसका इस्तेमाल कर रही है, यह नहीं पता चल सका है। लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सैनिकों ने एक जवाबी हमले के दौरान 240 मिमी मोर्टार बमों के भंडार पर कब्जा जमा लिया था। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह एकमात्र मोर्टार पहले कीव में एक म्यूजियम में देखा गया था।
अफगानिस्तान में भी हुआ था इस्तेमाल
आपको बताते चले कि डोनबास क्षेत्र में यह मोर्टार गन देखी गई है। पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये हथियार या तो एक सैन्य म्यूजियम से लाई गई है या संभवतः किसी अन्य पूर्व सोवियत देश जैसे रोमानिया या चेक रिपब्लिक से उधार ली गई हो सकती है। सोवियत सेना ने जब अफगानिस्तान में मुजाहिद्दीन के खिलाफ हमला किया था, तब इस मोर्टार गन का इस्तेमाल हुआ था। सीरिया के गृहयुद्ध में भी इसका इस्तेमाल रूस ने किया था।