सेना पहनेगी आयरन-मैन सूट: रशियन आर्मी ने बनाया, इन खूबियों से है लैस
इस सूट में हेलमेट, बॉडी आर्मर, कानों के लिए रक्षा कवच, प्रोटेक्टिव ग्लास, घुटनों और कुहनियों के लिए सुरक्षा कवच के साथ ही ग्रेनेड लॉन्चर, सब-मशीनगन, युद्ध में काम आने वाला चाकू, स्निपर राइफल जैसे हथियार लगे रहते हैं।
नई दिल्ली: पूरा विश्व इस समय कोरोना संकट से जूझ रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ तेजी से बदलते राजनैतिक समीकरणों के बीच अमेरिका और रूस की सेना लगातार खुद को अपडेट कर रही है। इसी बीच रशियन आर्मी को एक बड़ी कामयाबी मिली है। वो अपने सैनिकों के लिए एक ऐसा बॉडी सूट बनाने में सफल हुई है, जो न केवल बुलेट प्रूफ होगा, बल्कि एक तरह से अभेद्य रहेगा। यानी दुश्मन सेना चाहकर भी सैनिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकेगी। इसे आयरन-मैन सूट कहा जा रहा है।
रूस और अमेरिका के बीच चल रहा तनाव
रूस और अमेरिका में हमेशा से ही महाशक्तियों की लड़ाई चलती आई है। सोवियत संघ के टूटने के बाद सुपर पावर का दर्जा सीधे-सीधे अमेरिका के पास चला गया। इसके बाद से रूस का गुस्सा कई जगहों पर दिखता रहा है। जैसे हाल ही में रूस ने एक बयान में अमेरिका को खुली धमकी दे दी। रूस के रक्षा मंत्रालय के अखबार क्रेसनया जवेदा (Krasnaya Zvezda) में इस हवाले से खबर आई है।
रूस की तरफ से आ चुके हैं विवादित बयान
इसमें छपे लेख में रूस के मिलिट्री जनरल एंड्रेई स्टर्लिन और कर्नल एलेक्जेंडर क्रीपिन ने इस बारे में संयुक्त बयान दिया है। उन्होंने चेताते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने उसके या उसके मित्र दिशों की तरफ बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की तो रूस इसे परमाणु युद्ध की शुरुआत मान लेगा और बदले की कार्रवाई से नहीं रुकेगा। बता दें कि ये बयान अमेरिका के नए मिसाइल डिफेंस सिस्टम टेस्ट शुरू करने पर आया।
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हमेशा से ही दोनों में रहा है तनाव
कुल मिलाकर दोनों देशों के बीच दोबारा तनातनी के आसार बन रहे हैं। इसकी एक वजह कोरोना से चरमराती अर्थव्यवस्था और अमेरिका में नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव भी हैं। अमेरिका खुद को ज्यादा पावरफुल साबित करने की कोशिश में है तो रूस चुनाव पर असर डालने की कोशिश में। हालांकि सैन्य तौर पर खुद को दुनिया में सबसे ज्यादा मजबूत बनाने के प्रयास दोनों ही देश हमेशा से करते आए हैं। इसी क्रम में हाल में रूस ने अपने सैनिकों के लिए एक खास तरह का बॉडी सूट तैयार कर लिया है। यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पावर सूट को बनाने की शुरुआत अमेरिका ने की थी। हालांकि सफलता पहले रूस को मिली।
अमेरिका पावर सूट प्रोग्राम में नहीं मिली कामयाबी
बता दें कि यूएस मिलिट्री लंबे समय से इस खास पावर सूट को बनाने में लगी थी। ये प्रोग्राम Tactical Assault Light Operator Suit (TALOS) नाम से साल 2013 से शुरू हुआ था। इसके तहत सैनिकों के लिए ऐसे कपड़े या बाहरी आवरण तैयार करना था, जिसपर गोलियों, बम तक का असर न हो। जिसमें दुश्मनों को टोहने के लिए सेंसर लगे हों और जिस कपड़े में सारे हथियार आसानी से होल्ड हो सकें। साथ ही साथ इसमें सिर की सुरक्षा के लिए हेलमेट और बातचीत के लिए न दिखने वाला कम्युनिकेशन सिस्टम बनाने की तैयारी हो रही थी। इसपर लगभग 80 मिलियन डॉलर रिसर्च में लगाए गए। उम्मीद थी कि पांच सालों के भीतर ऐसा पावर सूट तैयार हो जाएगा। लेकिन ऐसा हो नहीं सका और साल 2019 में इस प्रोग्राम को फेल मानते हुए इसे बंद कर दिया गया।
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रूस के सैनिकों ने इस सूट का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है
दूसरी तरफ रूस ने इस तरह का पावर सूट बनाने में काफी हद तक सफलता पा ली है। वहां ये प्रोग्राम Ratnik यानी योद्धा नाम से चल रहा था। कहा जा रहा है कि सीरिया में रूस के सैनिक इस सूट का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। इसमें इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया है ताकि सैनिकों को पहनने के बाद ये भारी न लगे। ये बैटरी ऑपरेटेड नहीं है, बल्कि स्प्रिंग लगा हुआ है।
विशेषज्ञों की राय
फोर्ब्स से बात करते हुए इस प्रोग्राम के सीईओ अल्बर्ट बेकव ने बताया कि पावर सूट बनाने की असल चुनौती उसका मटेरियल चुनना था, जो टिकाऊ भी हो और सैनिकों को पहनने में भारी भी न लगे। अमेरिकी सेना ने इसे बनाने में बैटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया था लेकिन वो भारी भी था और कुछ घंटों में बेकार हो जाता था। रूसी विशेषज्ञों ने यही देखते हुए नए तरीके से सूट बनाए। इसे EO-1 नाम दिया गया है। सीरिया में रूसी मिलिट्री इंजीनियरों ने इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। हालांकि फिलहाल इसमें और प्रयोग हो रहे हैं ताकि लड़ाई के दौरान सैनिकों को इससे छिपने में भी मदद मिल सके।
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बहुत ख़ास है ये बॉडी सूट
इस सूट में हेलमेट, बॉडी आर्मर, कानों के लिए रक्षा कवच, प्रोटेक्टिव ग्लास, घुटनों और कुहनियों के लिए सुरक्षा कवच के साथ ही ग्रेनेड लॉन्चर, सब-मशीनगन, युद्ध में काम आने वाला चाकू, स्निपर राइफल जैसे हथियार लगे रहते हैं। इसके अलावा सूट में दिन और रात में समान तरीके से देखने का सिस्टम लगा होने का दावा किया जा रहा है।
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रेडियोलॉजिकल और केमिकल प्रोटेक्शन भी देता है ये सूट
सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए बॉडी सूट में हीट सोर्स भी बना हुआ है। सैनिकों को अगर लंबी दूरी तक चलना हो तो साथ में अटैच्ड बैकपैक और वॉटर फिल्टर भी सूट में ही बना हुआ है। अगर कभी सैनिक केमिकल हमले में फंस जाएं तो उससे बचाने के लिए ब्रीद प्रोटेक्शन डिवाइस है, जो रेडियोलॉजिकल और केमिकल प्रोटेक्शन दे सकता है।