पुलिस की करतूत: महिला के कपड़े उतारकर ली तलाशी, अब खुद को लगाई आग

इरीना ने फेसबुक पोस्ट में अपना दर्द बयान करते हुए लिखा था कि सभी फ्लैश ड्राइव, मेरा लैपटॉप, मेरी बेटी का लैपटॉप, मेरा डेस्कटॉप, मेरे पति का फोन और मेरी कई डायरी जबरदस्ती ले गए हैं। मुझे कपड़े भी नहीं पहनने दिए गए और मेरे पति की मौजूदगी में एक पुलिसवाला मुझे इसी हालत में घूरता रहा।

Update: 2020-10-05 11:11 GMT
पुलिस की करतूत: महिला के कपड़े उतारकर ली तलाशी, अब खुद को लगाई आग

मॉस्को: एक महिला पत्रकार ने खुद को आग के हवाले कर दिया। पत्रकार इरीना स्लाविना ने शुक्रवार को पुतिन सरकार पर उत्पीड़न कर आरोप लगते हुए खुद को आग के हवाले कर दिया। इरीना बुरी तरह झुलस गयीं थीं जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गयी। इरीना ने मरने से पहले एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी मौत का जिम्मेदार रूसी सरकार को बताया था। महिला पत्रकार रूस की लोकतंत्र समर्थक भी थी ।

मेरी मौत की जिम्मेदार पुतिन सरकार है

मिली जानकारी के अनुसार 47 वर्षीय इरीना ने फेसबुक पर स्पष्ट लिखा था कि मेरी मौत की जिम्मेदार राशियन फेडरेशन (पुतिन सरकार) है। बता दें कि गुरुवार को पुलिस ने इरीना के घर पर छापेमारी की थी और इरीना ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की थी। एक वीडियो में इरीना, खुद को मंत्रालय की बिल्डिंग के सामने आग लगाती नज़र आ रही हैं। वीडियो में कई लोग उन्हें बचाते भी नज़र का रहे हैं लेकिन इस दौरान वे बुरी तरह झुलस गयीं थीं।

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इरीना कोजा प्रेस की एडिटर इन चीफ थीं

बता दें कि इरीना कोजा प्रेस की एडिटर इन चीफ थीं और उन्हें लोकतंत्र समर्थक पत्रकारों में गिना जाता था। उन्होंने निजनी नोवाग्रोद की इंटीरियर मिनिस्ट्री की बिल्डिंग के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया। इरीना पर पहले पुलिस ने फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाया था इसके बाद उन्हें संपत्ति सम्बंधित और अन्य कई मामलों में भी आरोपी बनाया गया था।

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सरकार कर रही थी प्रताड़ित

इरीना ने फेसबुक पोस्ट में अपना दर्द बयान करते हुए लिखा था कि सभी फ्लैश ड्राइव, मेरा लैपटॉप, मेरी बेटी का लैपटॉप, मेरा डेस्कटॉप, मेरे पति का फोन और मेरी कई डायरी जबरदस्ती ले गए हैं। मुझे इस काबिल बना दिया है कि मैं अपनी प्रेस चलाने लायक भी नहीं बची। मुझे कपड़े भी नहीं पहनने दिए गए और मेरे पति की मौजूदगी में एक पुलिसवाला मुझे इसी हालत में घूरता रहा। मुझे मजबूरी में उसकी निगरानी में ही कपड़े पहनने पड़े।

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