Save Soil: मिट्टी बचाने के लिए सद्गुरु की लंदन से भारत की बाइक यात्रा

Save Soil: 'मिट्टी बचाने' (Save soil) के लिए सद्गुरु 21 मार्च को यूरोप और मध्य पूर्व होते हुए 30,000 किमी की यात्रा पर निकलने वाले हैं ।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-03-20 22:14 IST

मिट्टी बचाने के लिए सद्गुरु की मोटरबाइक यात्रा: Photo - Social Media

Sadhguru Bike Tour: आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु या जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) 'मिट्टी' के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लंदन से भारत की 100-दिवसीय मोटरबाइक यात्रा (Motorbike Tour) शुरू कर रहे हैं। 'मिट्टी बचाने' (Save Soil) के लिए सद्गुरु 21 मार्च को यूरोप और मध्य पूर्व होते हुए 30,000 किमी की यात्रा पर निकलने वाले हैं और रास्ते में वह दर्जनों देशों में मशहूर हस्तियों, पर्यावरणविदों और प्रभावितों से मुलाकात करेंगे।

यह यात्रा उनके "हैशटैग सेव सॉइल" (#save soil) अभियान का हिस्सा है, जो नीति निर्माताओं से मृदा पुनर्जनन (Soil Regeneration) को प्राथमिकता देने का आह्वान कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि विश्व स्तर पर एक तिहाई मिट्टी खराब हो चुकी है और 2050 तक 90 फीसदी से अधिक खराब हो सकती है। मरुस्थलीकरण के खिलाफ (Desertification) संयुक्त राष्ट्र के अभियान के अनुसार, कुछ सेंटीमीटर मिट्टी बनने में 1,000 साल लग सकते हैं।

मिट्टी का संकट

सद्गुरु ने कहा है कि वह न वैज्ञानिक हैं और न ही नहीं पर्यावरणविद्। लेकिन मुझे पता है कि मिट्टी का संकट है, इसलिए मैं कई राष्ट्राध्यक्षों, राजनेताओं, नेताओं, शीर्ष वैज्ञानिकों और प्रभावितों से जितना संभव हो बात कर रहा हूं।

64 वर्षीय सद्गुरु मोटरबाइक के फैन हैं और उनके अभियान में उनके साथ कोलंबियाई गायक-गीतकार मलूमा, इंग्लैंड के रग्बी खिलाड़ी जॉनी विल्किंसन और जर्मन फुटबॉलर सहित कई हस्तियां एम्स्टर्डम, बर्लिन, जिनेवा और तेल अवीव सहित शहरों में सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस अभियान का माहौल बनाने के लिए यात्रा के लिए, सद्गुरु ने रेडियो और टीवी पर कई प्रोग्रामों में हिस्सा लिया है।

आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु: Photo - Social Media 

सद्गुरु ने कहा कि हमें इस समस्या का अभी समाधान करना चाहिए

सद्गुरु ने कहा है कि - हम लोगों से जुड़ने के लिए मोटरसाइकिल और संगीत दोनों का उपयोग कर रहे हैं ताकि 3.5 अरब नागरिक यह समझ सकें कि हमें इस समस्या का अभी समाधान करना चाहिए ताकि अगले 10 से 15 वर्षों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सके। यह विज्ञान को एक सामाजिक क्षण में बदलने के बारे में है क्योंकि अन्यथा, कुछ भी नहीं बदलता है।

मिट्टी के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के लिए 14 देशों आये एक साथ

अब तक, बारबाडोस, गुयाना और डोमिनिका सहित 14 देशों ने विश्व स्तर पर मिट्टी के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सद्गुरु को उम्मीद है कि जब वे यूरोप के रास्ते मोटरसाइकिल से जाएंगे तो संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से और भी इसमें शामिल होंगे।

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