Civil War in Iraq: इराक में गृहयुद्ध के हालात भयानक, सड़कों पर लड़ाई छिड़ी
Civil War in Iraq: अब अल-सद्र ने सदर ने शुरुआती चुनावों और संसद के विघटन पर जोर दिया है। उनका कहना है कि 2003 में अमेरिकी आक्रमण के बाद से कोई भी राजनेता सत्ता में नहीं है।
Civil War in Iraq Latest Update: इराक की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है। राजधानी बगदाद (Baghdad) में बड़े पैमाने पर हिंसक झड़पें जारी हैं, जिनमें कल ही लगभग 20 लोगों की मौत हो गई। अब इराक में गृह युद्ध (Civil War in Iraq) के हालात हैं। अलग-अलग गुट सत्ता को कंट्रोल करने में एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं।
इराक के शक्तिशाली शिया नेता मक़्तदा अल-सद्र द्वारा राजनीति छोड़ने की घोषणा के बाद स्थिति और विकट हो गई है। घोषणा के तत्काल बाद मक्तदा के वफादार सरकारी बिल्डिंगों में घुस गए और प्रतिद्वंद्वी समूहों के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई छिड़ गई।
अल सद्र- भ्रष्ट और तबाह शासन प्रणाली को सुधारने के लिए
अल सद्र ने कहा है, कि ये निर्णय उन्होंने अन्य शिया नेताओं और पार्टियों की विफलता के जवाब में एक भ्रष्ट और तबाह शासन प्रणाली को सुधारने के लिए लिया है। अल सद्र और ईरान समर्थित शिया मुस्लिम प्रतिद्वंद्वियों के बीच राजनीतिक गतिरोध ने इराक को हिंसा के एक और दौर में झोंक दिया है। दशकों के युद्ध, प्रतिबंधों, नागरिक संघर्ष और स्थानिक भ्रष्टाचार से छुटकारा पाने के लिए अब नई बर्बादी शुरू हो गई है।
जातीय प्रतिद्वंद्विता शुरू
साल 2003 से विभिन्न इराकी गुट सांप्रदायिक संघर्ष में लगे हुए हैं और हाल में अलग-अलग जातीय प्रतिद्वंद्विता शुरू हो गई है। हिंसा के नवीनतम दौर में सशस्त्र मिलिशिया समेत अल-सद्र के समर्थकों का ईरान-समर्थित प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिकों और सुरक्षा बलों के खिलाफ संघर्ष छिड़ा है।
इराक के क्या हैं हालात?
बीते अक्टूबर के एक चुनाव में अल-सद्र की जीत के बाद ईरान समर्थित समूहों से मुक्त सरकार बनाने का उनका प्रयास विफल रहा है। इसका नतीजा व्यापक विरोध-प्रदर्शनों और संसद से उनकी अंतिम वापसी के बाद हिंसा के रूप में सामने आया है। यानी अब हिंसा और रक्तपात के दम पर नियंत्रण जमाने की कोशिश में सभी गुट लग गए हैं। अल-सद्र ने इराकी राजनीति पर अमेरिकी और ईरानी दोनों प्रभावों का विरोध करके व्यापक समर्थन प्राप्त किया है। वे अक्टूबर के चुनाव से सबसे बड़े विजेता थे, लेकिन जब वे ईरान समर्थित शिया पार्टियों के अपने प्रतिद्वंद्वियों को बाहर करने में विफल रहे, तो जून में उन्होंने अपने सभी सांसदों को संसद से वापस ले लिया था।
2003 के बाद कोई राजनेता सत्ता में नहीं
अब अल-सद्र ने सदर ने शुरुआती चुनावों और संसद के विघटन पर जोर दिया है। उनका कहना है कि 2003 में अमेरिकी आक्रमण के बाद से कोई भी राजनेता सत्ता में नहीं है। सद्र के समर्थक ग्रीन जोन स्थित इराकी संसद में जुलाई से कब्जा किये हुए हैं और सभी गतिविधियों को ठप कर रखा है।
सोमवार की रात मशीन-गनों और धमाकों की आवाजें गूंजती रही। बगदाद के सुरक्षित माने जाने वाले ग्रीन जोन में ट्रेसर की रोशनी बार-बार देखी गई और धमाके होते रहे। अमेरिकी नियंत्रण के दौरान सरकारी मुख्यालय और विदेशी दूतावासों वाले इलाके को अत्यधिक सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में तब्दील कर दिया गया था। वर्षों तक ग्रीन जोन अमन चैन का गढ़ रहा लेकिन अब सबकुछ ध्वस्त है।प्रो-ईरान समूहों ने झड़पों के लिए सद्र समर्थकों को दोषी ठहराया है।